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CM विष्णुदेव साय ने की साधराम हत्या मामले में NIA जांच की घोषणा

रायपुर / कवर्धा में साधराम यादव हत्या की जांच NIA को सौंपी गयी है। मुख्यमंत्र विष्णुदेव साय ने जांच का ऐलान किया है।  कवर्धा से साधराम यादव का परिवार मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचा था। परिजनों ने मुख्यमंत्री को बताया कि साधराम यादव की किसी के साथ दुश्मनी नहीं थी, वो गौसेवक के तौर पर अपना कार्य कर रहे थे, लेकिन उनकी हत्या जिस तरह से की गयी, वो साधारण घटना नहीं है

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मैराथन बैठक के बाद ये निर्णय लिया है। CM साय और गृह मंत्री विजय शर्मा ने साधराम के परिजनों से मिलकर चर्चा की। बता दें कि झीरम कांड के बाद छत्तीसगढ़ में ये दूसरा मामला है जिसकी जांच NIA करने जा रही है।

मुख्यमंत्री ने जांच की घोषणा करते हुए कहा कि ये हत्या नहीं, एक विचारधारा की हत्या है, इसलिए मामले की सूक्ष्मता से जांच जरूरी है। घटना की जांच के लिए NIA को सिफारिश की जायेगी। ताकि इस घटना के अन्य पहलू भी सामने आ सकें। मुख्यमंत्री के साथ इस दौरान उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और धरमलाल कौशिक भी मौजूद थे।

साधराम की गला रेतकर की थी हत्या 

20 जनवरी की रात लालपुर कला गांव के नर्सरी के पास एक अधेड़ व्यक्ति का शव मिला था. मृतक साधराम यादव (50) गोशाला में चरवाहा का काम करता था. हालांकि पुलिस ने इस हत्याकांड (Sadhram Murder Case) का 24 घंटे के अंदर खुलासा कर 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन इस कार्रवाई से परिवार संतुष्ट नहीं था। गिरफ्तार आरोपियों में से एक नाबालिग भी है। एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया था कि घटना (Sadhram Murder Case) से कुछ दिन पहले आरोपी अयाज खान और इदरीश खान कश्मीर भी गए थे. आरोपियों के आतंकी संगठनों से संबंध की बात सामने आई है. उनके मोबाइल और लैपटॉप में कई सबूत भी मिले हैं. मृतक की ISIS पैटर्न में गला काटकर हत्या की गई थी। पुलिस ने बताया था कि मृतक और आरोपियों के बीच विवाद हुआ था। दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ा गया कि आरोपियों ने धारदार हथियार से साधराम  की हत्या कर दी थी। पुलिस ने हत्याकांड (Sadhram Murder Case) के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सरकार ने मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दी थी. हालांकि कुछ दिनों पहले साधराम यादव की पत्नी ने सरकार की ओर से दिए वित्तीय सहायता राशि पांच लाख रुपए वापस कर दिए थे. परिजनों ने दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की थी। वहीं उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।

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