रायपुर। ऑडिट सप्ताह के अवसर पर, भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग, रायपुर छत्तीसगढ़ के सहयोग से अर्थशास्त्र अध्ययनशाला ,पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.) में सरकारी लेखांकन, लेखा परीक्षा और लेखा देयता पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला के मुख्य अतिथि यशवन्त कुमार, प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा), रायपुर, छत्तीसगढ़ थे। अपने संबोधन में सर ने सार्वजनिक वित्त और सार्वजनिक खातों के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने इस प्रकार की कार्यशालाओं के आयोजन में उच्च शिक्षा संस्थानों की भागीदारी का भी उल्लेख किया । कार्यशाला के अध्यक्ष प्रो. सच्चिदानंद शुक्ल, माननीय कुलपति पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने लगातार दो वर्षों तक सफलतापूर्वक कार्यशाला आयोजित करने के लिए अर्थशास्त्र अध्ययनशाला की सराहना की । अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रो.शुक्ला ने लेखांकन, लेखापरीक्षा और जवाबदेही का गहन अर्थ बताया।
स्वागत भाषण अर्थशास्त्र अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष एवं आचार्य, एवं कार्यशाला के संयोजक डॉ. रवींद्र के ब्रह्मे ने दिया। प्रोफेसर ब्रह्मे ने लेखांकन, लेखापरीक्षा और सार्वजनिक वित्त में अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्रों की ओर प्रकाष डाला। डॉ. जी. के. देशमुख, सह-प्राध्यापक, इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, और कार्यशाला के आयोजन सचिव ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यशाला समन्वयक एवं अर्थशास्त्र अध्ययनशाला के प्रो. डॉ. बी.एल.सोनेकर, डॉ. अर्चना सेठी, डॉ. सुनील कुमार कुमेटी, डॉ. प्रगति कृष्णन के साथ-साथ अन्य यूटीडी और कॉलेजों के प्रोफेसरों, शोध छात्र और एम. ए प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के छात्र और महालेखाकार (ए एवं ई), रायपुर, छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने भाग लिया।