मार्केट में अच्छी लिक्विडिटी और निवेशकों के बेहतर रेस्पॉन्स की वजह से इस साल अब तक कंपनियों ने आईपीओ मार्केट से 25 हजार करोड़ रुपये जुटा लिए हैं. विश्लेषकों का मानना है कि 2021 में भी आईपीओ मार्केट गुलजार रहेगा. इस साल साल आईपीओ बाजार की गहराई बढ़ी है और अलग-अलग क्षेत्रों की कंपनियां बाजार में उतरी हैं. अब फार्मा, दूरसंचार, आईटी और वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनियां भी आईपीओ बाजार में उतर रही हैं.
शेयर बाजारों के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2020 में 12 आईपीओ के जरिये करीब 25,000 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं. 2019 के पूरे साल में 16 आईपीओ के जरिये 12,362 करोड़ रुपये जुटाए गए थे. 2018 में 24 कंपनियों ने आईपीओ से 30,959 करोड़ रुपये जुटाए थे. इस साल यानी 2020 में अबतक कंपनियों ने आईपीओ से 25,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं. यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा क्योंकि बर्गर किंग का 810 करोड़ रुपये का आईपीओ 2 दिसंबर को खुलने जा रहा है.
पीटीआई की एक खबर के मुताबिक जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि इस साल आईपीओ के जरिये पिछले वर्ष की तुलना में अधिक राशि जुटाई गई है. इसकी प्रमुख वजह है कि अर्थव्यवस्था में गिरावट के बावजूद कंपनियां और खुदरा निवेशक प्राथमिक बाजार को लेकर रुचि दिखा रहे हैं. इसके अलावा कंपनियां अनिश्चितताओं की वजह से भी अपनी आगे की जरूरतों के लिए पूंजी जुटाना चाहती हैं.
इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक जो कंपनियां आईपीओ ला सकती हैं उनमें सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक, ESAF स्मॉल फाइनेंस बैंक, नजारा टेक्नोलॉजिज, रेलटेल, कल्याण ज्वैलर्स और एंटनी वेस्ट मैनेजमेंट शामिल हैं.