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साइबर अपराध आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती, जिसे रोकने के लिए जागरूकता और तकनीकी दक्षता का होना आवश्यक : मुख्यमंत्री

० मुख्यमंत्री साय ने किया साइबर भवन का उद्घाटन

० मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग द्वारा निर्मित समाधान और सशक्त मोबाइल ऐप का किया लांचिंग

रायपुर। आज पुलिस मुख्यालय, नवा रायपुर परिसर में नवनिर्मित साइबर भवन का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा कार्यक्रम में अध्यक्ष एवं विधायक, आरंग गुरू खुशवंत साहेब विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस तत्परता एवं प्रतिबध्ता के साथ लोकहित में पूरे मनोवेग के साथ कार्य कर रही है। उन्होने बताया कि साइबर के एकीकृत भवन में विभिन्न शाखाएं अंतर्निहित की गई हैं, ताकि साइबर अपराध के विरूद्ध समग्र रूप से लड़ाई लड़ी जा सके। अपने उद्बोधन में उन्होने इस कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी, साथ ही छ.ग. पुलिस द्वारा चलाये गये साइबर जागरूकता पखवाड़ा का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्यभर में 410 कार्यक्रम आयोजित कर लगभग 23 लाख लोगों को जागरूक किया गया है, जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है।

कार्यक्रम के दौरान साइबर जागरूकता पखवाड़ा अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस विवेचक एवं साइबर वालंटियर्स को अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके पश्चात विभिन्न बैंको के साथ पुलिस सैलरी पैकेज, साइबर अपराध के रोकथाम के संबंध में समन्वय व सहयोग हेतु आईआईटी, भिलाई एवं मानव तस्करी विषय पर किये जाने वाले अध्ययन हेतु आईआईम, रायपुर के साथ एमओयू किया गया। तत्पश्चात होटलों व किरायेदारों की निगरानी हेतु विकसित समाधान ऐप एवं चोरी के वाहनों का पता लगाये जाने हेतु विकसित किये गये सशक्त ऐप भी लांच किया गया। इसके अलावा बाल संरक्षण की दिशा में पुलिस सहित आमजनता में जागरूकता लाये जाने हेतु यूनिसेफ के सहयोग से विभिन्न 09 विषयों पर विकसित किये गये ऑनलाईन चाईल्ड सेफ्टी माड्यूल भी लांच किया गया।

माननीय मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारी सरकार लोक सेवा व सुरक्षा के लिए कृतसंकल्पित है और इसी कड़ी में आज सायबर भवन के उद्द्घाटन के साथ-साथ अनके सौगातें इस मंच से राज्य की जनता को दी गई, जिसमें सायबर अपराध पर नियंत्रण लाये जाने हेतु आईआईटी, भिलाई के साथ एमओयू एवं राज्य से मानव तस्करी को जड़मूल समाप्त करने की दिशा में आईआईएम, रायपुर के साथ मानव तस्करी विषय पर अध्ययन हेतु एमओयू किया गया है, जिसके निष्कर्षों के आधार पर प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर राज्य के नागरिकों, विशेषकर महिला एवं बच्चों को इस अपराध का शिकार होने से बचाया जा सकेगा। उन्होने आगे कहा कि हमारे पुलिस अधिकारी एवं जवानों की सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस विभाग द्वारा विभिन्न बैंकों के साथ एमओयू निष्पादित किया गया है, जिसके माध्यम से अनेक लाभ पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को मिलेंगे। इन लाभों में जीवन बीमा के अतिरिक्त पुलिस परिवार के बच्चों की शिक्षा व कन्या की विवाह हेतु भी राशि प्रावधानित किये गये हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि साईबर काईम को लेकर जागरूकता पखवाड़ा पुलिस द्वारा लाखों लोगों तक पहुंचाया गया, जो सराहनीय है। साथ ही साइबर

हेल्पलाईन नंबर 1930 से सभी को अवगत कराने का आह्वान किया। उन्होनें नक्सल अभियान में पुलिस को मिले सफलता का उल्लेख करते हुए राज्य पुलिस की सराहना की। साथ ही भारत की राष्ट्रपति से छत्तीसगढ़ पुलिस को मिले कलर अवार्ड का विशेष रूप से जिक करते हुए कहा कि इससे राज्य पुलिस की छवि पूरे भारतवर्ष में बढ़ी है।

कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन अति. पुलिस महानिदेशक प्रदीप गुप्ता ने किया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव, मनोज पिंगुआ, आईआईटी, भिलाई के निदेशक प्रोफेसर डॉ. राजीव प्रकाश, आईआईएम रायपुर के निदेशक डॉ. रामकुमार काकानी, प्रबंधक संचालक, पुलिस हाउसिंग पवनदेव, मुख्यमंत्री के सचिव राहूल भगत, सचिव, गृह विभाग श्रीमती नेहा चम्पावत व हिमशिखर गुप्ता, विभिन्न बैंको के अधिकारीण व यूनिसेफ के प्रतिनिधि सहित पुलिस मुख्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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