धमतरी। विद्युत विभाग में कार्यरत आउटसोर्स ठेका कर्मचारी विद्युत विभाग को संभाल रहे जो कि वेतन दर छः हजार से नाव हजार पर कार्यरत है जो विभाग में विगत 18 व 5 वर्ष से कार्यरत होकर विभाग के लिए जोखिम भरा कार्य कर रहे हैं.
विभाग के द्वारा उन्हें समायोजित कर वेतन देने की मांग करते हुए उन्होंने बताया कि कई जिलों में टेंडर नहीं होने के कारण भी विभाग के द्वारा 7 से 8 महीने का वेतन जब दिया जा सकता है तो उन्हें हमेशा के लिए क्यों वेतन नहीं दिया जा सकता आगे उन्होंने बताया कि शासकीय अर्ध शासकीय निगम मंडल में कार्यरत श्रमिकों अकुशल कार्यकुशल , उच्यकुशल श्रेणी में कार्य कर रहे श्रमिकों को 4000 रु देने की जो घोषणा आउटसोर्स विद्युत विभाग के कर्मचारियों के लिए जो घोषणा की गई थी जो अभी तक आप्राप्त है । वहीं उन्होंने दिल्ली व अन्य राज्यों की तरह श्रमिकों की मासिक वेतन 21000 रु केंद्रीय वेतनमान को छत्तीसगढ़ में लागू करने बात कही क्योंकि छत्तीसगढ़ में ही सबसे काम वेतनमान पर काम करने के लिए श्रमिक मजबूर हैं वहीं उन्होंने भाजपा ने जो चुनाव जीतने से पहले अपने जन घोषणा पत्र में मोदी की गारंटी के तहत 100 दिनों के अंदर अनियमित आउटसोर्स कर्मचारी के लिए कमेटी बनाकर निर्णय लेने की बात 6 माह के अंदर में कमेटी गठन कर पूरा कर करने की बात कही गई थी जिसमें कमेटी गठन के लिए संगठनों के कर्मचारियों को सदस्य बनाने की बात कही थी जो अभी तक नहीं बनाया नही गया है जिसके लिए कर्मचारियों ने सिहावा विधायक अंबिका मरकाम से मुलाकात कर निम्न मांगों को होने वाले विधानसभा सत्र में रखने की बात कही जिस पर विधायक मरकाम ने उन्हें अस्वस्थ करते हुए कहा की निश्चित तौर पर आप सभी की मांग जायज है जिस हिसाब से भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में जो वादा किया था उन्हें अब तक पूर्ण 1 वर्ष हो जाने के बाद भी नहीं पुर्ण किया जाना सवाले निशाने खड़ा करती है निश्चित तौर पर मैं जब सदन में जाऊंगी तो आप सभी की मांगों को पुरजोर के साथ उठाऊंगी और जब तक आप सभी की मांग पूरा नहीं हो जाता मैं आप सबके साथ हमेशा हमेशा इस लड़ाई के लिए लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहूंगी।