सनातन धर्म में खरमास का बहुत ही महत्व दिया गया है. खरमास शुरू होते ही हर तरह के मांगलिक व शुभ कार्य बंद हो जाते हैं और खरमास समाप्त होने के बाद ही मांगलिक कार्य की शुरुआत होती है. ऐसे में अगले एक महीने मांगलिक व शुभ कार्य नहीं होंगे.
सबसे पहले खरमास क्या और क्यों होता है? हिंदू धर्म शास्त्र के मुताबिक खरमास का प्रारंभ तब होता है जब सूर्य धनु राशि और मीन राशि में प्रवेश करते हैं तब खरमास लगता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी वर्तमान में 16 दिसंबर 2024 को सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेगा और इस राशि पर अगले एक महीने सूर्य अपना राज करेगा और 14 जनवरी 2025 को धनु राशि से घर बदलकर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे. तब जाकर खरमास समाप्त होता है.
इस दिन होगा खत्म
सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करता है तो खरमास का प्रारंभ हो जाता है जो कि एक माह तक रहता है. उन्होंने कहा कि वहीं इस बार हिंदी महीना के पौष मास के कृष्ण पक्ष तिथि 15 दिसंबर 2024 को दोपहर पूर्णिमा 2:46 तक रहेगा. सनातन धर्म शास्त्र के मुताबिक जिसका उदय उसका अस्त होगा. वहीं इस बार 16 दिसंबर 2024 से खरमास प्रारंभ होगा और इसी दिन को ही हम लोग पौष मास कृष्ण पक्ष का प्रतिपदा मानेंगे.
खरमास में ना करें यह सब काम
इस बार खरमास 16 दिसंबर 2024 से शुरू होकर 14 जनवरी 2025 तक रहेगा. इस दौरान हर तरह के शुभ कार्य मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे. शादी विवाह, उपनयन मुंडन, गृह प्रवेश एवं अन्य कई शुभ व मांगलिक कार्य नहीं होंगे.