कोरोना महामारी के प्रभाव के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) पटरी पर लौट चुकी है. पहले जीएसटी कलेक्शन ( GST Collection ) के शानदार आंकड़े रहे हैं अब मौजूदा वित्तीय वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में एडवांस टैक्स कलेक्शन (Advance Tax Collection ) बेहद शानदार रहा है. पिछले वित्त वर्ष की इस तिमाही के मुकाबले एडवांस टैक्स कलेक्शन में लगभग दोगुना बढ़ोतरी हुई है. बीते वर्ष की तीसरी तिमाही अक्टूबर से दिसंबर 2020-21 में एडवांस टैक्स कलेक्शन 49,536 करोड़ रुपये रहा था. जबकि 2021-22 में इस तिमाही में 94,107 करोड़ रुपये रहा है.
कॉरपोरेट और इनकम टैक्स कलेक्शन बढ़ा
इस वर्ष की तीसरी तिमाही के एडवांस टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते वर्ष, की तुलना में कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन ( Corporate Tax Collection ) में 75 फीसदी का इजाफा हुआ है, ये 31,107 करोड़ रुपये से बढ़कर 54,445 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है. जबकि पर्सलन इनकम टैक्स ( Personal Income Tax ) कलेक्शन में 115 फीसदी का उछाल आया है और ये 39,662 करोड़ रुपये रहा है.
हालांकि माना जा रहा है कि एडवांस टैक्स कलेक्शन और बढ़ने की उम्मीद है बैंकों से पूरे आंकड़े आने का इंतजार किया जा रहा है. 15 दिसंबर तक एडवांस टैक्स जमा कराने का डेडलाईन था. वहीं 2021-22 वित्त वर्ष में एडवांस टैक्स कलेक्शन 3.45 लाख करोड़ रहा है, जिसमें कॉरपोरेट टैक्स 2.50 लाख करोड़ रुपये और पर्सनल इनकम टैक्स 97,719 करोड़ रुपये रहा है. पिछले साल के इसी अवधि में एडवांस टैक्स कलेक्शन 2.08 लाख करोड़ रुपये रहा था. यानि इस वर्ष 65.5 फीसदी ज्यादा टैक्स सरकार ने कलेक्ट किया है.
पटरी पर लौटी आर्थिक विकास की गाड़ी
जाहिर है देश की अर्थव्यवस्था कोरोना के असर को पीछे छोड़ आगे बढ़ चुकी है. आर्थिक विकास की गाड़ी अब पटरी पर आ चुकी है. जीडीपी और दूसरी तिमाही के जीडीपी के 8.4 फीसदी के आंकड़े ने इस बात की तस्दीक की थी. कॉरपोरेट जगत भी कोरोना के असर को पीछे छोड़ चुका है.
सेमीकंडक्टर चिप की कमी से कम टैक्स कलेक्शन
एक अनुमान के मुताबिक इस वर्ष सेमीकंडक्टर चिप की कमी नहीं हुई होती तो कॉरपोरेट टैक्स के आंकड़े और भी बेहतर होते. दरअसल चिप के अभाव में ऑटोमोबाइल कंपनियों के नतीजें पर असर पड़ा है. हालांकि सरकार के लिये राहत की बात है कि पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी देखी जा रही है इसका अर्थ ये हुआ कि बीते साल के मुकाबले कर्मचारियों की वेतन में बढ़ोतरी हुई है.
एडवांस टैक्स है अर्थव्यवस्था का बैरोमीटर
आपको बता दें एक बार में टैक्स देने की बजाये एडवांस टैक्स हर वित्त वर्ष में चार चरणों में सरकार के पास जमा कराना होता है. एडवांस टैक्स जमा कराने से सरकार का खर्चा चलता है तो इसके कलेक्शन से देश की आर्थिक दशा का भी पता लगाया जा सकता है. लोगों की आय बढ़ रही, कॉरपोरेट मुनाफा बना रहे तो एडवांस टैक्स कलेक्शन बढ़ता जाता है. सभी कंपनियों – कॉरपोरेट्स को वित्त वर्ष की तिमाही के आखिरी महीने की 15 तारीख तक एडवांस टैक्स जमा कराना होता है. पहले 15 जून को, फिर 15 सितंबर, 15 दिसंबर और आखिरी में फिर 15 मार्च तक एडवांस टैक्स जमा कराना होता है.
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