नेशनल न्यूज़। लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी महिला आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पास हो गया। वहीं, विपक्ष द्वारा लाए गए सभी संशोधन गिर गए। बिल के समर्थन में 215 वोट पड़े, किसी भी सदस्य ने बिल का विरोध नहीं किया। राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर करीब 10 घंटे तक चर्चा चली। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा, “हम बिल लटकाने, भटकाने के लिए नहीं लाए हैं। यह बिल लागू होकर रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा, “मोदी है तो मुमकिन है।
इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “कानून को 2029 के बाद लागू करने की बजाय अभी से लागू कीजिए। ये महिलाओं के साथ धोखा है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले कहा गया 15 लाख खाते में आएंगे। 2 करोड़ लोगों को नौकरी मिलेगी। लेकिन बाद में अमित शाह कहते हैं कि यह तो चुनावी जुमला है। उन्होंने कहा कि जनगणना के बाद डिलिमिटेशन के बाद महिला आरक्षण बिल लागू करने में कई साल लग जाएंगे। यह महिलाओं के लिए लॉलीपॉप है।
वहीं, महिला आरक्षण के लिए भारतीय जनता पार्टी के सदैव प्रतिबद्ध होने का दावा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी महिलाओं के मामले में कोई राजनीति नहीं करती। वित्त मंत्री सीतारमण ने ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023′ पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इस विधेयक का मसौदा बहुत सोच-समझकर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि पंचायतों में 33 प्रतिशत आरक्षण का जमीनी स्तर पर बहुत अच्छा परिणाम देखने को मिला तथा कई राज्यों में यह बढ़कर पचास प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक काफी समय से प्रतीक्षित था। उन्होंने विधेयक को लाने में वर्तमान नरेन्द्र मोदी सरकार के शासन में नौ वर्ष लग जाने के विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि इसको लेकर आम सहमति बनाये जाने की जरूरत है।
सीतारमण ने राज्यसभा एवं राज्यों की विधान परिषद में महिलाओं के लिए आरक्षण की कई सदस्यों की मांग पर कहा कि परोक्ष मतदान में आरक्षण प्रावधान लागू करना व्यावहारिक रूप से काफी कठिन होता है। उन्होंने कहा कि जनगणना के बाद परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात ही महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित हो पाएंगी। उन्होंने कहा कि यह विधेयक कानून बनने के बाद पंद्रह वर्ष तक प्रभावी रहेगा।
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण के प्रावधान वाला संविधान संशोधन विधेयक यदि आज संसद से पारित हो जाता है तो 2029 में लोकसभा में 33 प्रतिशत महिलाओं की मौजूदगी सुनिश्चित हो जाएगी। राज्यसभा में ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023′ पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए नड्डा ने कहा कि महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण सुनिश्चित करने की खातिर केंद्र सरकार ने जो रास्ता चुना है, वह सबसे छोटा और सही रास्ता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह मानते हैं कि आज अगर यह विधेयक पारित करते हैं तो 2029 में 33 प्रतिशत महिलाएं सांसद बनकर आ जाएंगी। यह बात पक्की है।”