जल्दी लोन अप्रूवल और सस्ती ब्याज दरों के लिए क्रेडिट स्कोर बेहद अहम होता है. जब आप लोन लेने जाते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर तय करता है कि आपको कितनी जल्दी और कितना सस्ता लोन मिलेगा.कोरोना संक्रमण के इस दौर में बढ़िया क्रेडिट स्कोर और अहम हो गया है. नए साल में अगर आप अपना क्रेडिट स्कोर बेहतर करना चाहते हैं तो कुछ उपायों को अपनाना बेहद जरूरी है
होम लोन की ईएमआई हो, कार लोन की किस्त हो या फिर क्रेडिट कार्ड का पेमेंट, इसकी आखिरी तारीख न भूलें. अगर आप इनका समय से भुगतान नहीं करते हैं तो अब संभल जाएं. अगर आप समय से अपने बिलों का पेमेंट करने लगेंगे तो छह से आठ महीने में आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होने लगेगा. हालांकि दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में मोबाइल और दूसरे यूटिलिटी बिल को क्रेडिट स्कोर की काउंटिंग में शामिल नहीं किया जाता है.
क्रेडिट यूटिलिटी का रेश्यो का मतलब आपने अपने लिए निर्धारित सीमा में से कितनी राशि का कर्ज लिया है. मान लीजिये कि आपका लोन लिमिट एक लाख रुपये का है और आपने 50 हजार को लोन लिया है आपकी क्रेडिट यूटिलिटी रेश्यो 50 फीसदी होगा. यह अनुपात जितना कम होगा आपका क्रेडिट स्कोर उतना ही बढ़िया होगा और आपको आसानी से लोन मिलेगा.
आपकी क्रेडिट हिस्ट्री में इस बात का जिक्र होता है कि आपने पुराने लोन चुकाएं हैं या उनका सेटलमेंट किया है. अगर आपने लोन का सेटलमेंट किया है तो बैंक का रिस्क बढ़ जाता है. इसलिए हमेशा लोन को खत्म करें.
कई लोग क्रेडिट कार्ड से खरीदारी के वक्त ज्यादा खर्च करने पर अपनी लिमिट बढ़वा लेते हैं. ऐसा कभी न करें. अगर क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़वा कर खर्च करते हैं तो आपको ज्यादा बिल भी भरना पड़ेगा. यह आपकी वित्तीय स्थिति खराब करेगा. बेहतर क्रेडिट स्कोर के लिए यह कदम न उठाएं