ग्लोबल मार्केट के साथ ही घरेलू बाजार में भी गोल्ड के दाम में पिछले कुछ वक्त से गिरावट आ रही है. लेकिन यह दौर लंबा नहीं रहने वाला है. कोरोना वैक्सीन के आने से वर्ल्ड इकोनॉमी के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था में भी सेंटिमेंट में सुधार हो रहा है. ऐसे में महंगाई का बढ़ना तय है. भारत में महंगाई दर इस वक्त न्यूनतम स्तर पर है. लेकिन यह इससे नीचे नहीं जाएगी. इसका मतलब यह है कि यहां से महंगाई का ग्राफ चढ़ना शुरू हो जाएगा.
बढ़ती महंगाई से बचने के लिए निवेशकों की ओर से हेजिंग का दौर भी शुरू हो जाएगा. इसके लिए गोल्ड में निवेश बढ़ जाएगा. गोल्ड में निवेशकों की यह सक्रियता इसके दाम बढ़ा देगी. इसलिए गोल्ड में निवेश का यह सही वक्त है.
गोल्ड में निवेश के मामले में महंगाई पर नजर रखना बेहद अहम फैक्टर है. अगर आपको लग रहा है कि महंगाई बढ़ रही है तो गोल्ड में निवेश करना शुरू कर दें क्योंकि यह महंगाई के खिलाफ सबसे अच्छा रिटर्न देने वाला निवेश है . आप जितनी जल्दी महंगाई के ट्रेंड को पकड़ लेंगे उतनी ही जल्दी निवेश का फैसला कर सकेंगे. आरबीआई की ओर से अधिक करेंसी जारी करने को आप गोल्ड में निवेश बढ़ाने का संकेत मान सकते हैं. अगर आप गोल्ड कीमतों की साइकिल पर नजर रख सकें तो बेहतर होगा. गिरती हुई कीमतों पर सोना खरीदना और बढ़ी हुई कीमतों पर बेच कर निकलना एक अच्छी स्ट्रेटजी हो सकती है.
गोल्ड में किसी भी रूप में निवेश हमेशा अच्छा रिटर्न देने वाला साबित होता है. फिर भी गोल्ड म्यूचुअल फंड और गोल्ड ईटीएफ में निवेश को तरजीह दी जा सकती है. गोल्ड ईटीएफ लिस्टेड होते हैं और स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड करते हैं. इसलिए इसके लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है. निवेश के ब्रोकरेज शुल्क देना होता है. हालांकि यह शुल्क काफी कम होता है. गोल्ड बार और सिक्के में भी निवे किया जा सकता है. यह गहनों की तुलना में ज्यादा अच्छा निवेश है क्योंकि इसमें मेकिंग चार्ज शामिल नहीं होता है.