देहरादून। केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट छह माह बंद रहने के बाद शुक्रवार को अक्षय तृतीया के पर्व पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए और इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा आरंभ हो गई। दोनों धामों के कपाट सुबह सात बजे खुले और इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी अपनी पत्नी गीता के साथ केदारनाथ में द्वार खोले जाने की प्रक्रिया के साक्षी बने। ‘बम-बम भोले’ और ‘बाबा केदार की जय’ के उद्घोष के साथ प्रात: सात बजे विधि विधान से विशेष पूजा-अर्चना के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के बीच केदारनाथ मंदिर का मुख्य द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। इस अवसर पर सेना के ग्रेनेडियर रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ मंदिर परिसर में मौजूद करीब दस हजार श्रद्धालु भक्ति भाव में डूब गए। कुछ श्रद्धालु परिसर में डमरू के साथ नृत्य करते दिखाई दिए। मंदिर को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। कपाट खुलते समय तीर्थयात्रियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई। वहीं उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धाम के कपाट भी सात बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस दौरान परिसर में हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे जो ‘मां यमुना की जय’ का उद्घोष कर रहे थे।
वहीं इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं को बधाई दी और देश एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तीर्थयात्रियों को अच्छी सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस बार चारधाम यात्रा नया कीर्तिमान बनाएगी। गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर बाद खुलेंगे जबकि चारधामों में शामिल बदरीनाथ के द्वार रविवार को खुलेंगे।