हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन रखा जाता है। इस व्रत सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखती है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। यह व्रत बहुत ही कठिन होता है क्योंकि, यह निर्जला रखा जाता है। यह व्रत खासतौर पर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड में रखा जाता है। आइए जानते हैं इस साल हरतालिका तीज का पर्व कब मनाया जाएगा और इसका पौराणिक महत्व क्या है।
हरतालिका तीज का व्रत कब?
इस साल हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा। तृतीया तिथि का आरंभ 5 सितंबर की दोपहर में 12 बजकर 22 मिनट पर होगा और अगले दिन यानी 6 सितंबर को सुबह 3 बजकर 1 मिनट तक रहेगी। तृतीया तिथि उदयकाल में 6 सितंबर को रहेगी ऐसे में हरितालिका तीज का व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा।
हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि
हरतालिका तीज के दिन सुबह स्नान आदि के बाद भगवान शिव माता पार्वती और गणेश जी की मिट्टी से प्रतिमा बनाएं।
इसके बाद सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। उन्हें तिलक लगाएं और दूर्वा अर्पित करें। फिर भगवान शिव को बेलपत्र और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।