रक्षाबंधन का त्योहार भाई और बहनों के प्रेम का त्योहार है. हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को बहनें रक्षाबंधन के दिन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं. रक्षाबंधन के दिन सुबह नहा धोकर, पूजा-पाठ करने के बाद बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है. उनकी आरती उतारती है और उनसे अपनी सलामती की कामना करती है. लेकिन इस साल बहनें रक्षाबंधन के दिन सुबह-सुबह ऐसा कुछ नहीं कर पाएंगी. उन्हें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा. दरअसल, इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया है और इसी कारण सुबह के वक्त बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी नहीं बांध सकेंगी.
इस साल श्रावण मास पूर्णिमा 19 अगस्त को है. 19 अगस्त की सुबह 3:04 बजे से पूर्णिमा की तिथि प्रारंभ हो रही है और इस दिन रात 11:55 बजे तक पूर्णिमा की तिथि है. लेकिन 19 अगस्त को सुबह से ही भद्रा का साया होगा. उन्होंने बताया कि पूर्णिमा की तिथि प्रारंभ होने के साथ ही भद्रा भी प्रारंभ हो जाएगा, जो दोपहर बाद तक चलेगा. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन सुबह से लेकर दोपहर 1:32 बजे तक भद्रा का साया होगा और इस दौरान बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी नहीं बांध सकेंगी. उन्हें राखी बांधने के लिए दोपहर 1:32 बजे तक का इंतजार करना पड़ेगा.
भद्रा में राखी बांधना नहीं होता शुभ
भद्रा में कोई भी शुभ काम करना सही नहीं माना जाता है. ऐसे में भद्रा के दौरान राखी बांधना सही नहीं होगा. उन्होंने कहा कि ऐसी मान्यता है कि रावण की बहन ने भद्रा के दौरान ही अपने भाई की कलाई पर राखी बांधी थी और उसी वर्ष प्रभु श्री रामचंद्र के हाथों उसका वध हो गया था. तब से ही भद्रा के दौरान राखी नहीं बांधी जाती है. उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन के दिन दोपहर 2:07 बजे से शाम 8:20 बजे तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है. जिसमें शाम 6:57 से रात 9:10 बजे तक प्रदोष काल रहेगा, ऐसे में यह राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त होगा.