कांकेर। ब्लाक कांग्रेस कमेटी नरहरपुर द्वारा किसानों के मांगो को लेकर एक दिवसीय धरना को सम्बोधित करते हुए अजजा आयोग के पूर्व सदस्य और वरिष्ठ कांग्रेस नेता नितिन पोटाई ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार किसानों के साथ न्याय नही कर रहीं है प्रदेश में किसानों की स्थिति को देखकर बहुत दुःख होता है। भाजपा सरकार ने 3100 रू. की दर से प्रति क्विटल किसानों की धान को खरीदी करने, प्रति एकड़ 21 क्विटल धान खरीदी, प्रत्येक ग्राम पंचायत में नगद भुगतान केन्द्र खोलने का वादा कर अब वह अपने वायदे से मुकर रही है ।
कांग्रेस नेता नितिन पोटाई ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रारंभ से ही गांव गरीब किसान और मजदूरों की हितैषी रही है देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कृषि की ओर विशेष ध्यान दिया। उनके कार्यकाल में ही बड़े-बड़े बांध और कृषि संबंधी उद्योग स्थापित हुए। लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा देकर किसानों को अन्न उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया । उनके कार्यकाल में ही हरित क्रांति हुई। प्रधानमंत्री इन्दिरा गंाधी , राजीव गांधी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल में कृषि के लिए विशेष ध्यान देते हुए 72 हजार करोड़ रूपये का ऋण माफी कर किसानों को राहत देने का कार्य किया गया।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश सरकार ने 17 लाख किसानों का 9920 करोड़ रूपये माफ किया । उनके कार्यकाल में राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी भूमिहीन किसान न्याय योजना के माध्यम से प्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने का कार्य किया गया। आज देश में भाजपा की डबल इंजन की सरकार है लेकिन किसानों के हित में इनके द्वारा कोई भी फैसले नहीं लिये जा रहे है। कृषि उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी करनेे के कानून बनाये जाने को लेकर हरियाणा और पंजाब के किसान पिछले 10 महीने से लगातार संर्घषरत है लेकिन सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है।
श्री पोटाई ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ का तो हाल-बेहाल है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में 27 लाख किसान पंजीकृत है लेकिन उन्हें अपने धान को बेचने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लैम्पस समितियों में टोकन के लिए लंबी लाईन लगानी पड़ रही है। बारदाना के अभाव में किसान इधर-उधर भटक रहे है। किसानों के धान को प्रति एकड़ 21 क्ंिवटल की भी खरीदी नहीं की जा रही है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जहां धान मिलिंग के लिये प्रति क्विंटल 120 रूपये देने का निर्णय लिया था जिसके परिणाम स्वरूप 700 नई राईस मिले खुली थी। अब भाजपा सरकार ने धान मिलिंग के लिये 120 रूपये का हटाकर 60 रूपये कर दिया इस कारण राईस मिल हड़ताल पर चले गये। जिससे धान का उठाव नहीं हो रहा है। श्री पोटाई ने कहा कि यही स्थिति रही तो आने वाले समय पूरे प्रदेश के किसान एकजुट होकर सरकार के खिलाफ सड़क की लड़ाई लड़ेगें।