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2020-21 की पहली तिमाही के GDP आंकड़े आज आएंगे, कोरोना इफेक्ट के चलते भारी गिरावट का अनुमान

नई दिल्लीः आज मौजूदा वित्त वर्ष में देश की पहली तिमाही के लिए जीडीपी डेटा यानी आर्थिक विकास दर के आंकड़े को जारी किया जाएगा. कोरोनाकाल में अर्थव्यवस्था की तस्वीर कैसी रही, अप्रैल से जून के दौरान जीडीपी के आंकड़े से ये तस्वीर साफ होगी. आरबीआई से लेकर तमाम रेटिंग एजेंसियां जीडीपी में बड़ी गिरावट की आशंका पहले ही दर्ज करा चुकी हैं. खबर है कि डेटा सुबह 10 बजे के बाद कभी भी आ सकता है.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय करेगा आंकड़े जारी
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की तरफ से आज चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी किए जाएंगे. बता दें कि अलग-अलग रेटिंग एजेंसियों और इंडस्ट्री के जानकारों ने पहली तिमाही में जीडीपी में गिरावट आने के अनुमान दिए हैं. इसकी साफ तौर पर वजह बताई गई है कि कोरोना वायरस महामारी और उसको रोकने के लिये लगाए ‘लॉकडाउन’ के चलते औद्योगिक उत्पादन गिरा है, देश में सकल घरेलू उत्पाद में बेतहाशा कमी आई है और रोजगार के आंकड़ों में भी बड़ी गिरावट है.

रिजर्व बैंक ने भी दिया है गिरावट का अनुमान
भारतीय रिज़र्व बैंक का कहना है कि चालू वित्त वर्ष या कारोबारी साल में सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी में नेगेटिव ग्रोथ रह सकती है. मई में रिजर्व बैंक ने कहा था कि 2020-21 में देश की वृद्धि दर नकारात्मक दायरे में रहेगी.

जून-जूलाई में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई में क्रमशः सुधार
जून और जुलाई में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई क्रमश: 47.2 और 46 रहा था, जो कि बेंचमार्क लेवल 50 से ज्यादा कम नहीं है. आईआईपी में हालांकि जून में गिरावट आई लेकिन मई के -33.9 फीसदी से सुधर कर -16.6 फीसदी पर पहुंच गई है.

राहुल गांधी ने कहा-70 सालों में सबसे ज्यादा गिरावट आ सकती है
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले कहा था कि जीडीपी दर में 70 सालों में सबसे बड़ी गिरावट देखी जा सकती है. इसका आधार उन्होंने इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के कथन को बनाया जिसमें आशंका जताई गई थी कि देश की जीडीपी ग्रोथ 1947 से भी नीचे जा सकती है. उन्होंने तंज करते हुए कहा था कि मोदी है तो मुमकिन है.

फिक्की सर्वे में भी गिरावट की आशंका
उद्योग मंडल फिक्की ने जुलाई में कहा था कि चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर नकारात्मक रहेगी. फिक्की के आर्थिक परिदृश्य सर्वे में अनुमान लगाया गया था कि 2020-21 में देश की अर्थव्यवस्था 4.5 प्रतिशत नीचे जाएगी.

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