राजधानी दिल्ली में जानलेवा कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से बढ़ते मौत के आंकड़े पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने बड़ा बयान दिया है. सत्येंद्र जैन ने कहा है कि पिछली बार जब 17 हजार मामले आए थे, तब 200 लोगों की मौत हुई थी. इस बार अबतक 9 लोगों की मौत हुई है. इस बार भी ज्यादातर मौत के मामले वे हैं, जो लोग को मॉर्बिड थे.
इस बीच जब स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन से पूछा गया कि क्या डबल डोज वैक्सीन ले चुके लोगों की भी मौत हो रही है? इस पर सत्येन्द्र जैन ने बताया कि दिल्ली में 100 प्रतिशत लोगों को फर्स्ट डोज वैक्सीन लग चुकी है. सेकंड डोज भी 75% लोग को लग गई है. ऐसे में ज्यादातर लोग तो वैक्सीनेटेड ही हैं.
अभी हॉस्पिटल में लगभग 10 प्रतिशत मरीज़ ही भर्ती- जैन
आज हेल्थ बुलेटिन में जारी होने वाले संभावित आंकड़े पर सत्येन्द्र जैन ने कहा कि अभी डाटा कम्पाइल किया जा रहा है. आज करीब 20 हजार के आसपास मामले आ सकते हैं और संक्रमण दर कल की तुलना में 1-2 प्रतिशत से ज्यादा हो सकती है.
कोरोना मरीज़ों के इलाज में लगे हेल्थ वर्क्स भी अब पॉज़िटिव होने लगे है. इसपर सत्येन्द्र जैन ने बताया कि दिल्ली मेंक़रीबन 1000 हेल्थ केयर वर्कर्स अभी तक पॉजिटिव हैं. सत्येन्द्र जैन ने कहा कि जब कोरोना इतना फैल रहा है तो अस्पतालों के कर्मचारी भी पॉजिटिव हो सकते हैं, लेकिन अभी इसे अलार्मिंग सिचुएशन नहीं कह सकते हैं. दिल्ली में लाखों हेल्थ केयर वर्कर्स हैं, उनमें से अगर 1000 पॉजिटिव हैं तो यह बहुत चिंता की बात नहीं है. दिल्ली सरकार ने बड़े स्तर पर तैयारी की हुई है. अन्य बीमारियों की तुलना में कोरोना के इलाज को लेकर हॉस्पिटल में सामान्य कोरोना प्रोटोकॉल होता है इस दौरान बहुत कम स्टाफ की आवश्यकता होती है.
ज़रूरत पड़ने पर 5 हजार हेल्थ असिस्टेंट तैयार- सत्येन्द्र जैन
इस पर सत्येन्द्र जैन ने कहा कि दिल्ली में करीब 5 हजार हेल्थ असिस्टेंट/नर्सिंग असिस्टेंट तैयार हैं, उन्हें सभी बेसिक ट्रेनिंग दी गई है, जिसकी कोरोना के इलाज के दौरान जरूरत होती है. जरूरत में उनकी सेवा ली जाएगी.
सोमवार को DDMA मीटिंग बुलाई गई है, क्या और पाबंदी लगाने पर फैसला हो सकता है?
सत्येन्द्र जैन ने बताया कि सोमवार को DDMA मीटिंग है, वहां पर जो भी फैसला होगा, वह मीटिंग के बाद ही बताया जा सकता है. पाबंदी को लेकर कयास लगाने की जरूरत नहीं है. हमने बहुत सारी पाबंदी लगाई है. वीकेंड कर्फ्यू शुरू है अब. बीते दो-तीन दिन से अच्छा ये हुआ है कि लोग कोविड नियमों का अच्छे से पालन कर रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग मास्क लगा रहे हैं. सत्येन्द्र जैन ने कहा कि लॉक डाउन का दूसरा रूप यह भी है कि फेस मास्कज़रूर लगाएं, फेस को लॉक करें. अगर सौ प्रतिशत लोग मास्क लगाते हैं तो ये लॉकडाउन से ज्यादा फायदा देगा.
पिछली बार से कितनी ख़तरनाक है ये लहर?
इस पर सत्येन्द्र जैन ने कहा कि पिछली बार की लहर में और इस बार में काफी फर्क है. पिछली बार जब 17 हज़ार मामले आए थे, तब अस्पतालों में एडमिशन ढाई हजार था, अभी एडमिशन 200-300 है. पहले की तुलना में काफी कम है. जो भर्ती हैं, उनमें भीकाफ़ी मरीज़ ऐसे हैं जो दूसरी बीमारियों का इलाज कराने के लिए अस्पताल में आए थे और पॉजिटिव हो गए.
वीकेंड कर्फ्यू के बावजूद लोग बाहर निकल रहे हैं?
वीकेंड कर्फ़्यू पर सत्येन्द्र जैन ने कहा कि वीकेंड कर्फ्यू में जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को ही छूट दी गयी है. बिजली, पानी जैसी सेवाओं से जुड़े लोग बाहर निकल सकते हैं. इसके अलावा अगर किसी को अपना कोरोना टेस्ट कराने जाना है, तो वो भी जा सकता है. सत्येन्द्र जैन ने बताया कि दिल्ली में करीब एक लाख टेस्ट हम रोज कर रहे हैं, ऐसे लोग तो घर से निकलेंगे ही, ऐसे एक लाख लोगों के साथ एक लाख लोग उनके साथ जाने वाले भी होंगे, तो करीब दो लाख ये ही लोग हो गए.
क्या किसी ओमिक्रोन पॉजिटिव की मौत हुई है?
इस पर सत्येन्द्र जैन ने कहा कि जिनोम सिक्वेंसीग में ओमिक्रोन पॉजिटिव पाए गए किसी की भी मौत अबतक नहीं हुई है. अभी हम सभी केसेज का जिनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट नहीं कर रहे हैं, जब 100-200 केसेज आ रहे थे तब यह किया जा रहा था. इसका मकसद था ये पता करना कि हिंदुस्तान में ओमिक्रोन आया है या नहीं, अब तो यह पता चल चुका है कि ओमिक्रोन है.
देशभर में 1.41 लाख केसेज आज आए हैं, ये संख्या कहां तक जा सकती है?
तेज़ी से बढ़ते मामलों पर सत्येन्द्र जैन ने कहा कि नम्बर तभी बढ़ेंगे जब टेस्ट ज्यादा होगा. दिल्ली में हम करीब एक लाख टेस्ट हर दिन कर रहे हैं. इसलिए दिल्ली का नंबर ज्यादा लग रहा है. आबादी के हिसाब से दिल्ली में जितने टेस्ट हो रहे है, उतना कोई और नहीं कर रहा है. हम तो यही प्रार्थना करते हैं कि दो चार दिन में पीक आ जाए और उसके बाद केसेज कम होने शुरू हो जाएं.
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