नेशनल न्यूज़। गुजरात के कच्छ जिले में आज जखौ बंदरगाह के पास चक्रवात ‘बिपरजॉय’ की संभावित दस्तक से पहले राज्य प्रशासन ने तट के पास रहने वाले 74,000 से अधिक लोगों को एहतियात के तौर पर स्थानांतरित कर दिया है और बचाव एवं राहत उपायों के लिए आपदा प्रबंधन इकाइयों को तैनात किया है। मौसम विभाग ने कहा कि अरब सागर में सक्रिय चक्रवात के गुजरात तट की ओर बढ़ने के साथ, सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के कुछ हिस्सों में तेज हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई।
मई 2021 में ‘ताउते’ चक्रवात के बाद दो साल के भीतर राज्य में आने वाला यह दूसरा चक्रवात होगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, चक्रवात ‘बिपारजॉय’ गुरुवार शाम को ‘बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान’ के रूप में जखौ बंदरगाह के पास पहुंचेगा और इस दौरान 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। गुजरात सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि आठ तटीय जिलों में कुल 74,345 लोगों को अस्थायी आश्रयों में ले जाया गया है।
सुरक्षित स्थान पर लोगों को पहुंचाया
विज्ञप्ति के अनुसार, अकेले कच्छ जिले में लगभग 34,300 लोगों को, जबकि जामनगर में 10,000, मोरबी में 9,243, राजकोट में 6,089, देवभूमि द्वारका में 5,035, जूनागढ़ में 4,604, पोरबंदर जिले में 3,469 और गिर सोमनाथ जिले में 1,605 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल बुधवार रात गांधीनगर में राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) पहुंचे और शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर समग्र स्थिति व प्रशासन द्वारा अब तक उठाए गए कदमों की समीक्षा की।
इस बीच, एक अन्य विज्ञप्ति में कहा गया है कि गुजरात के दो सबसे प्रसिद्ध मंदिर – देवभूमि द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर और गिर सोमनाथ जिले में सोमनाथ मंदिर- बृहस्पतिवार को श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे। एसईओसी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बुधवार शाम छह बजे तक 12 घंटे में, सौराष्ट्र क्षेत्रों के जिलों के 65 तालुकों में बारिश हुई। राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना, नौसेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भी तैयार हैं।