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भाजपा विधायक दल की बैठक:विस के शीतकालीन सत्र में सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की तैयारी

रायपुर। भाजपा विधायक दल की बैठक खत्म हो गई है. बैठक में बीजेपी ने सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. भाजपा विधायक दल की बैठक नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के निवास में संपन्न हुई । बैठक में आदिवासी आरक्षण विधेयक, बढ़ता अपराध, किसानों की समस्या समेत कई मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बनी है. पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि राजभवन जैसे संवैधानिक जगह के लिए ऐसे बयान देना निम्नस्तरीय है. आदिवासी आरक्षण विधेयक पर सदन में चर्चा की मांग की जाएगी. विधानसभा सदन को सबसे बड़ी जगह मानी जाती है. मुख्यमंत्री नैतिकता दिखाएं और कल पहले दिन क्वांटिफाइबल डाटा को पटल पर रखा जाए.

बैठक उपरांत नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने बताया ” आज हमारी विधायक दल की बैठक संपन्न हुई विधायक दल की बैठक 2 जनवरी से 6 जनवरी तक चलने वाले विधानसभा के पांच दिवसीय सत्र के संदर्भ में हम लोगों ने गंभीरता से विचार विमर्श किया। प्रदेश में एक नहीं अनेक मुद्दे हैं प्रदेश में जो सबसे बड़ा मुद्दा है वह कानून व्यवस्था का है। प्रदेश में तेजी के साथ में नित नए किस्म के घटनाएं हो रही इसे लेकर हम स्थगन लाएंगे साथ ही किसानों की समस्याएं, धान बेचने में टोकन प्राप्त करने में किसानों को दिक्कत आ रही है, इसे लेकर हम स्थगन लाएंगे। इस विषय पर विधानसभा में चर्चा करने वाले हैं। प्रदेश के 4 लाख कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर पूरे प्रशासन को ठप किया था ।

आज भी सरकार अधिकारी कर्मचारियों के, जो प्रशासन का महत्वपूर्ण अंग है उनके मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं कर रही हैं। इस विषय को भी हम विधानसभा में स्थगन के माध्यम से लाने वाले हैं। सरकार को हम बाध्य करेंगे कि वह इस पर चर्चा कराए।प्रदेश में एक नहीं अनेक मुद्दे हैं अभी राजनंदगांव में घटना हुई आवास को लेकर, महिलाओं के साथ प्रदेश में जिस तरह से अन्याय अत्याचार दुराचार हो रहा है,धर्मांतरण इस प्रदेश में एक बड़ा मुद्दा है वह धर्मांतरण नहीं है वह राष्ट्रांतरण है। देश के सुरक्षा व्यवस्था को लेकर वह खतरा है। धर्मांतरण के मुद्दे पर भी हम पूरी गंभीरता के साथ सदन में चर्चा करेंगे।

भाजपा मुख्य प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी आरक्षण का समर्थन करती है तभी ये सर्वसम्मति से विधानसभा में पास हुआ है परंतु भूपेश बघेल सरकार इस विषय पर अनर्गल राजनीति कर रहे है। उन्होंने कहा कि हम भूपेश बघेल को चुनौती देते हैं कि वे विधानसभा का सम्मान करते हुए वहां सबसे पहले क्वांटिफ़ाएबल डाटा आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

उन्होंने कहा मुख्यमंत्री बोल रहे हैं कि राज्यपाल के विधि सचिव विधानसभा से बड़े हो गए हैं क्या , अब वह नैतिकता दिखाएं कि कल से विधानसभा शुरू हो रही है तो क्वांटिफायबल डाटा आयोग रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखे। यह सबसे बड़े महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि यह समाज और विधानसभा को मालूम होना चाहिए कि डाटा आयोग की रिपोर्ट क्या है। आरक्षण हेतु किसकी कितनी भागीदारी होगी और उसका आधार क्या है। उन्होंने कहा की सरकार ने विधेयक के उद्देश्य और कथन पर लिखा कि डाटा आयोग के डाटा के आधार पर हम इस विधेयक को ला रहे हैं और यह डाटा विधानसभा को ही नहीं मालूम। अगर मुख्यमंत्री जी विधानसभा को सबसे बड़ी पंचायत बता रहे हैं तो उसकी अवमानना क्यों कर रहे हैं।

उन्होंने कहा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप लगा रहे हैं तो वह गलत कर रहे हैं और संवैधानिक संस्थाओं का अपमान कर रहे हैं। यह मुख्यमंत्री स्तर की भाषा नहीं है। अगर उन्होंने कहा है कि विधानसभा सबसे बड़ी पंचायत है तो जो उन्होंने राजभवन में जवाब दिए हैं वह विधानसभा में भी प्रस्तुत करने चाहिए। और एक बहस होनी चाहिए विधानसभा में इसे लेकर। जब मुख्यमंत्री विधानसभा को बड़ा कहते हैं तो उसे बड़ा बनाएं और राजनीति करना बंद करें।
बैठक में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, शिवरतन शर्मा ,डमरू धर पुजारी, रजनीश सिंह, कृष्ण रतन बांधी, रंजना साहू उपस्थित थे।

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