० 4 वर्षों में 23 हजार से अधिक महिलाओं को यहां सहायता पहुंचाई गई
रायपुर। महिलाओं को संरक्षण प्रदान करने के लिए अनेक वैधानिक प्रावधान उपलब्ध है, लेकिन इसके बाद भी समाज में महिलाओं को कई प्रकार की हिंसा का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए सभी आयु वर्ग की महिलाओं को एक छत के नीचे सभी प्रकार की सहायता एक साथ उपलब्ध कराने के लिए सखी वन स्टॉप सेन्टर का संचालन शुरू किया गया है। ये सेंटर पीड़ित महिलाओं के लिए बड़ा सहारा बन रहे हैं। पिछले 4 वर्षों में 23 हजार से अधिक महिलाओं को यहां सहायता पहुंचाई गई है। वर्ष 2018-19 में 7371,2019-20 में 5342, 2020-21 में प्रकरण 5324 और वर्ष 2021-22 में 5697 पंजीकृत किये गए। संेटर में पीड़ित महिलाओं को आवश्यक आश्रय, सुविधा एवं संरक्षण मिलने के साथ उचित सलाह, विधिक सहायता और मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के पुराने सभी 27 जिलों में सखी सेंटर संचालित है जहां कई महिलाओं के जीवन में ये सेंटर उम्मीद नई रोशनी लेकर आए हैं।
बिहार की रहने वाली 80 साल की वृद्धा को परिवार से मिलाया
जिला सूरजपुर के सखी वन स्टॉप सेंटर को ग्राम-करवा में भटकती एक 80 वर्ष की वृद्ध महिला की जानकारी मिली। सखी के द्वारा पुलिस की सहायता से वृद्धा को रेस्क्यू कर सखी सेंटर में लाया गया। बातचीत में वृृद्धा ने समस्तीपुर जिला, बिहार में रहने की जानकारी दी। सखी के द्वारा व्हॉटसअप व सोशल मीडिया के माध्यम से परिवारजनांे का पता लगाकर उनको सूचना दी गई। जिससे 6 अप्रैल 2022 को पीड़ित वृृद्ध महिला का पोता वृृद्ध महिला को लेने सखी में आया। इसी तरह 06 फरवरी 2021 को बस स्टैण्ड सूरजपुर में 98 वर्ष की बुजुर्ग महिला के भटकती पाये जाने की जानकारी सखी सेंटर को मिली। संपर्क करने पर 8 फरवरी 2021 को परिवार जन सखी मंे लेने आये। इस तरह परिवार से बिछुड़ गई बुजुर्ग महिलाओं की सकुशल परिवारजनों के पास वापसी से उनका जीवन फिर से खुशहाल हो सका।
8 वर्षों से लापता महिला मिली अपने परिजनों से
रायगढ़ की महिला मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण बिना किसी को जानकारी दिये घर से निकल गई जिसके पश्चात परिजनों के द्वारा उक्त महिला की खोजबीन आसपास व रिश्तेदारों में भी किया गया परंतु महिला की किसी भी प्रकार की कोई जानकारी प्राप्त नही हुई। 8 वर्ष बाद सखी वन स्टॉप सेंटर रायगढ़ के माध्यम से उक्त महिला के जीवित व सुरक्षित होने की जानकारी मिलने पर परिजनों को विश्वास नहीं हुआ। महिला एवं बाल विकास विभाग के शासकीय रिशेप्सन सेंटर बैंगलोर में उक्त 42 वर्षीय महिला को लापता अवस्था में लाया गया था। महिला मानसिक रूप से अस्वस्थ थी, और अपने बारे में जानकारी देने में असमर्थ थी, इसलिए उसका इलाज कराया गया। इलाज होने पर महिला द्वारा अपना नाम व पता बताया गया। जिसके आधार पर रिशेप्सन सेंटर टुमकुर कर्नाटक ने सखी सेंटर रायगढ़ को उक्त महिला की जानकारी दी।
महिला के परिजनों की पतासाजी की गई। विडियो कॉल के माध्यम से कई बार जानकारी लेने का प्रयास किया गया तब महिला ने अपना नाम, पति का नाम व स्वयं का पता बताया। जिसके आधार पर काफी प्रयासों के बाद महिला के निवास स्थान का पता लगा। इसके बाद संबंधित थाना से समन्वय कर उक्त महिला की बातचीत परिजनों से कराया गया। दिनांक 02 जून 2022 को रिशेप्सन सेंटर टुमकुर कर्नाटक से महिला को रायगढ़ लाने की अनुमति मिलने पर 26 जून 2022 को सखी सेंटर रायगढ़ द्वारा महिला के परिजनों, भाई व बेटी के साथ उक्त महिला की सकुशल घर वापसी कराई गइ। पीड़ित महिला अपने भाई व बेटी को देखकर काफी खुश हुई व उनकी आँखों से आंसू छलकने लगे।
सखी वन स्टॉप सेंटर के सहयोग से छोटा बच्चा माँ से मिला
बेमेतरा जिले के देवरी गांव में रहने वाली एक 25 वर्षीया महिला को उसके ससुराल वालों ने मारपीट कर उसके 4 माह के बच्चे को जबरदस्ती रखकर घर से निकाल दिया। आवेदिका 30 दिनों से मायके में रहने के पश्चात् सखी वन स्टॉप सेंटर में आई और अपने बच्चे को वापस लेने हेतु शिकायत दर्ज कराई। आवेदिका की शिकायत पर सखी वन स्टॉप सेंटर के केन्द्र प्रभारी, परामर्शदाता और केस वर्कर और नवागढ़ पुलिस की सहायता से बच्चे को मां को सौंपा गया।
बंगाल से भटककर छत्तीसगढ़ पहुंची युवती को परिवार तक पहुंचाया
एक मामला छत्तीसगढ़़ में सामने आया जब रोजगार की तलाश में निकली बंगाली युवती भटकते हुए छत्तीसगढ़ के जांजगीर-जांपा जिले पहुंच गई। वह बंगाली भाषा के सिवा दूसरी भाषा बोलने और समझने में सक्षम नहीं थी। अनजान जगह में उसके लिए संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर सहारा साबित हुआ। सखी सेंटर में युवती को न सिर्फ सुरक्षित आसरा मिला बल्कि सेंटर ने अथक प्रयास कर उसे उसके परिवार से भी मिला दिया। जिससे उसकी खुशी का ठिकाना न रहा।
आंध्रप्रदेश की तेलगू भाषी भटकी युवती को परिजनों को सुरक्षित सौंपा
सखी वन स्टॉप सेंटर रायगढ़ को 13 दिसम्बर 2019 को तेलगू भाषी युवती भटकती मिली थी। युवती के हिन्दी न समझने के कारण तेलगू भाषी मध्यस्थ के माध्यम से उसके गृह ग्राम व संबंधियों के बारे में जानकारी ली गई। इसके आधार पर आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा थाने और सखी सेंटर से संपर्क कर युवती के परिजनों से संपर्क कर युवती को सुपुर्द किया गया। पीड़िता द्वारा सुरक्षित विजयवाड़ा पहुंच कर सखी वन स्टॉप सेंटर का आभार जताया।