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सफलता की कहानी:पक्का मकान मिला तो राधाबाई की आंखों में आई चमक

० प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने दिया सहारा

जांजगीर-चांपा। पक्के मकान में रहने का सपना सभी का होता है, सपने को साकार करने के लिए लोग मेहनत भी करते हैं, लेकिन उतनी धनराशि नहीं जुटा पाते जिससे वे घर बनवा सकें, लेकिन ऐसे लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) सहारा बनकर सामने आया। ऐसा ही सहारा बम्हनीडीह विकासखण्ड की ग्राम पंचायत लखुर्री में रहने वाली राधाबाई को भी मिला जब उनके कच्चे मकान को पक्का बनाया गया। मकान बना तो उनके चेहरे पर चमक आ गई और वे अपने परिवार के साथ खुशहाली के साथ पक्के मकान में रहने लगी।

जांजगीर-चांपा जिले के विकासखण्ड बम्हनीडीह की ग्राम पंचायत लखुर्री में अपने कच्चे मकान में राधाबाई धीवर अपने पति के साथ रहती थी, जब तक पति थे तो कोई चिंता नहीं थी, लेकिन पति के गुजर जाने के बाद उनके सामने परिवार के पालन-पोषण के साथ ही कच्चे मकान को पक्का बनाने की चिंता भी खाये जा रही थी। टूटे-फूटे मकान में जैसे-तैसे करके जिंदगी बसर कर रही थी। हर दिन सुबह उठने के साथ एक ही सपना था कि कच्चा मकान कब पक्का बनेगा। इसी सपने को सच करने का समय आया जब प्रधानमंत्री आवास योजना से उन्हें वर्ष 2019-20 में आवास स्वीकृत हुआ।

राधाबाई बताती हैं कि उनका पुराना आवास टूट फूट गया था, बारिश के दिनों में बहुत परेशानियों के साथ गुजारना पड़ता था, लेकिन जब उन्हें पीएम आवास स्वीकृत हुआ तो बेहतर जिंदगी का सपना साकार होने लगा। पीएम आवास योजना से 1 लाख 20 हजार रूपए की स्वीकृति मिली। आवास के साथ ही शौचालय का निर्माण भी हुआ और महात्मा गांधी नरेगा से 90 दिन की मजदूरी भी मिली। एक-एक करके चारों किस्त आती गई और मकान का निर्माण पूर्ण कराया गया। मकान बनने के बाद अपने तीन बच्चों के साथ बेहतर जिंदगी बसर कर रही हैं और पीएमआवास से बनाए गए मकान को गरीबों का सहारा एवं योजना को वरदान बताती हैं।

 

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