पीपीएफ में निवेश पर इनकम टैक्स छूट मिलती है. अब इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने मांग की है कि सरकार 2021-22 के बजट में पीपीएफ में सालाना निवेश की सीमा बढ़ा कर तीन लाख रुपये कर दे. अभी पीपीएफ में एक वित्त वर्ष में सिर्फ डेढ़ लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं.
ICAI ने कहा है कि नौकरीशुदा लोग तो ईपीएफ में योगदान करते हैं, जिसमें नियोक्ता कंपनी भी अपनी ओर से कर्मचारी के बराबर यानी 12 फीसदी योगदान करती है. लेकिन स्वरोजगार करने वाले एंटरप्रेन्योर और प्रोफेशनल्स के लिए ईपीएफ नहीं होता. उन्हें पीपीएफ में ही निवेश करना होता है. वही उनके लिए एक मात्र टैक्स सेविंग ऑप्शन है. लेकिन इसमें आप डेढ़ लाख रुपये तक ही निवेश कर सकते हैं. लिहाजा ऐसे लोगों को लाभ देने के लिए सरकार को पीपीएफ में निवेश की सीमा बढ़ा कर तीन लाख रुपये कर देना चाहिए.
ICAI ने कहा है कि सरकार अगर पीपीएफ में निवेश सीमा को बढ़ाती है तो इससे घरेलू बचत दर को बढ़ावा मिलेगा. ज्यादा बचत दर से महंगाई से जूझने में मदद मिलेगी. संस्था ने यह भी है कि 80 सी के तहत डिडक्शन की सीमा डेढ़ लाख रुपय से बढ़ा कर ढाई लाख रुपये कर देनी चाहिए. इससे लोगों में बचत करने की प्रवृति को बढ़ावा मिलेगा. लोग टैक्स सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट्स में ज्यादा पैसा लगाएंगे.