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मोवा ओवरब्रिज में घटिया डामरीकरण मामले में जिम्मेदार इंजीनियरों के खिलाफ लिया गया एक्शन,कार्यपालन अभियंता समेत 5 सस्पेंड

रायपुर। राजधानी रायपुर के मोवा ओवरब्रिज में घटिया डामरीकरण के मामले में लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) ने जिम्मेदार इंजीनियरों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। पीडब्लूडी मंत्री अरुण साव के निर्देश पर पीडब्लूडी सचिव आईएएस डा. कमलप्रीत सिंह ने ओवरब्रिज के डामरीकरण की जांच करवा दी थी। जांच रिपोर्ट में पूरे काम की क्वालिटी घटिया पाई गई है। इस आधार पर पीडब्लूडी विभाग ने कार्यपालन यंत्री (ईई) विवेक शुक्ला, अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) रोशन कुमार साहू तथा तीन उप अभियंता (सब इंजीनियर) राजीव मिश्रा, देवव्रत यमराज और तन्मय गुप्ता को सस्पेंड कर दिया है। रायपुर में किसी भी सड़क निर्माण में घटिया क्वालिटी को लेकर इसे अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। सभी इंजीनियरों को नवा रायपुर के पीडब्लूडी मुख्यालय निर्माण भवन में अटैच किया गया है। इस कार्रवाई से पीडब्लूडी महकमे में खलबली मच गई है।

पीडब्लूडी के इन इंजीनियरों के निलंबन का आदेश उपसचिव एनपी मरावी की ओर से जारी किया गया है। आदेश में कहा या है कि मोवा ओवरब्रिज के डामरीकरण का पीडब्लूडी मंत्री अरुण साव ने 10 जनवरी को शिकायतों के बाद निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने निर्माण की क्वालिटी खराब पाई थी और मौके पर ही अपने गुस्से का इजहार कर दिया था। उन्होंने जांच और दोषियों पर कार्रवाई के आदेश दिए थे। इस आधार पर रायपुर ब्रिज डिवीजन के चीफ इंजीनियर की ओर से केंद्रीय गुणवत्ता अनुसंधान प्रयोगशाला से जांच करवाई गई। जांच रिपोर्ट दो दिन पहले मिली, जिसमें क्वालिटी को लेकर गंभीर टिप्पणियां की गई हैं। इसके मुताबिक औसत बिटुमिन कंटेंट, कंबाइंड डेन्सिटी और मटेरियल का ग्रेडेशन मानक स्तर से कम पाया गया। इस तरह, जिम्मेदार ईई, एसडीओ और सब इंजीनियरों ने निगरानी में लापरवाही की, जो गंभीर मामला है। इसी आधार पर सभी इंजीनियरों को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

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