नई दिल्ली : वाट्सएप विवाद में कड़ा रुख अपनाते हुए भारत सरकार ने वाट्सएप को लताड़ लगाई है. भारत सरकार ने दो टूक शब्दों में पालिसी में किए गए बदलावों को वापस लेने को कहा है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में वाट्सएप के सीईओ विल कैथकार्ट को पत्र लिखकर प्रस्तावित पॉलिसी को लेकर कड़ा ऐतराज जताया गया है. पत्र में कहा गया है कि वाट्सएप को भारतीय यूज़र्स की प्राइवेसी और डेटा सिक्योरिटी का सम्मान करते हुए प्रस्तावित पॉलिसी को वापस लेना चाहिए.
सूत्रों का कहना है कि पत्र में कहा गया है कि वाट्सएप के पॉलिसी बदलाव से वाट्सएप यूजर्स की चैट और बिजनेस अकाउंट से निजी डेटा लेकर फेसबुक समूह की कंपनियों के साथ शेयर किया जाएगा. पत्र में कहा गया है कि ऐसा होने से वाट्सएप और फेसबुक कंपनियों के बीच कोई भी भेद नहीं रह जाएगा. पत्र में आगे कहा गया है कि वाट्सएप और फेसबुक के भारत में बड़ी संख्या में यूजर्स है. ऐसे में संवेदनशील जानकारी के जरिए भारतीय नागरिकों के सामने सिक्योरिटी रिस्क भी है. पत्र में आगे कहा गया है कि वाट्सएप और फेसबुक समूह की अन्य कंपनियों के बीच डाटा इंटीग्रेशन के चलते यूजर्स के पास ऑप्ट आउट करने का कोई विकल्प नहीं बचता है.
मंत्रालय ने अपने पत्र में वाट्सएप से साफ शब्दों में कहा है कि जब पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल विचाराधीन है तो फिर वाट्सएप को ये बदलाव करने की जरूरत क्या है. इसके अलावा मंत्रालय ने वाट्सएप के समक्ष भारतीय यूजर्स और यूरोपियन यूनियन के यूजर्स के बीच भेदभावपूर्ण रवैया को लेकर भी सवाल उठाया है. मंत्रालय ने अपने पत्र में साफ तौर पर कहा है कि सरकार इस भेदभाव पूर्ण रवैये को लेकर अपना विरोध दर्ज कराती है.
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पत्र में कुल मिलाकर वाट्सएप से 14 सवालों पर भी जवाब मांगे गए हैं. इन सवालों में वाट्सएप से पूछा गया है कि कंपनी यह बताए कि किन श्रेणियों का डाटा वाट्सएप भारतीय यूजर्स से इकट्ठा करती है? क्या वाट्सएप भारतीय यूजर्स के इस्तेमाल के तरीकों से प्रोफाइलिंग भी करती है? अगर करती है, तो किस तरह की प्रोफाइलिंग करती है? इसके अलावा वाट्सएप से एक और महत्वपूर्ण सवाल सरकार ने पूछा है. सरकार ने पूछा है कि वाट्सएप यह साफ करे कि उसकी प्राइवेसी पॉलिसी भारत में और अन्य देशों में किस तरह से अलग अलग हैं.