रवि भोई की कलम से
कहते हैं भूपेश सरकार के तीन मंत्री अपने ही शासन से आजकल बड़े दुखी और नाराज चल रहे हैं। टी एस सिंहदेव तो पहले से नाराज हैं हीं। उन्होंने ने कुछ महीने पहले अपना एक विभाग छोड़ दिया और 2023 के विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर असमंजस की बात कर रहे हैं। दो मंत्रियों के और नाराज चलने की ख़बरें आ रही हैं। इसमें एक मंत्री भूपेश बघेल के समर्थन में विधायकों के परेड़ के वक्त दिल्ली नहीं गए थे। दूसरे मंत्री भारी मानमनौव्वल के बाद आखिरी समय में दिल्ली गए थे। इन मंत्रियों की अपने -अपने इलाके में जमीनी पकड़ अच्छी बताई जाती है। कहते हैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नाराज एक मंत्री को बड़े जिले का प्रभारी मंत्री और बड़े विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने के बाद भी छोटे से जिले में गणतंत्र दिवस पर झंडा वंदन की जिम्मेदारी देकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है। अब देखते हैं आगे क्या होता है ?
मंत्री को छोटा और विधायक को बड़ा जिला
मंत्री जयसिंह अग्रवाल इस बार छोटे से जिले कोरिया के मुख्यालय बैकुंठपुर में झंडा फहराएंगे और विधायक डॉ. विनय जायसवाल कोरबा में झंडा वंदन करेंगे। मंत्री जयसिंह अग्रवाल कोरबा से विधायक हैं। वहां से तीसरी बार चुने गए हैं। डॉ. विनय जायसवाल पहली बार मनेन्द्रगढ़ से विधायक बने हैं। जयसिंह अग्रवाल बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के प्रभारी मंत्री हैं। झंडावंदन के लिए उन्हें प्रभार जिला भी नहीं दिया गया। कुछ मंत्रियों को प्रभार वाले जिले तो कुछ मंत्रियों को गृह जिले में झंडा फहराने की जिम्मेदारी दी गई है। जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से देखें तो भी कोरिया से बड़ा जिला कोरबा है।
मुसीबत में नारायण चंदेल
कहावत है सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना। ऐसा ही कुछ भाजपा नेता नारायण चंदेल के साथ हो गया है। नारायण चंदेल नेता प्रतिपक्ष क्या बने, लगता है उन पर मुसीबत का पहाड़ खड़ा हो गया। बेटे के खिलाफ दुष्कृत्य का मामला दर्ज हो गया है। पुलिस ने जांच के लिए टीम भी गठित कर दी है। पीड़िता के आरोप के मुताबिक़ पिछले करीब चार साल से नारायण चंदेल का पुत्र उसके साथ अनाचार कर रहा था। इस मामले की प्रथम सूचना पहले रायपुर में दर्ज की गई, फिर मामला जांजगीर -चांपा ट्रांसफर हुआ। नेता प्रतिपक्ष का पुत्र होने से मामला राजनीतिक रंग ले लिया है। अंबिकापुर में चल रही प्रदेश भाजपा की बैठक में भी नारायण चंदेल नजर नहीं आए। माना जा रहा है कि बेटे के खिलाफ अपराध दर्ज होने के कारण ही चंदेल जी बैठक में नहीं गए। नेता प्रतिपक्ष सदन में सरकार को आईना दिखाने का काम करते हैं, लेकिन इस प्रकरण के बाद नारायण चंदेल की मारक क्षमता पर प्रभाव पड़ेगा।
छत्तीसगढ़ में चुनावी कमांड किस भाजपा नेता के जिम्मे होगा ?
छत्तीसगढ़ में भाजपा चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष कौन होगा ? इस पर जबरदस्त कयासबाजी चल रही है। कुछ लोग कह रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह छत्तीसगढ़ में भाजपा चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष होंगे। कुछ लोग पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का नाम ले रहे हैं। राज्य में अक्टूबर -नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव होना है। कहते हैं इस कारण जल्दी ही चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष का नाम तय करना होगा, जिससे चुनावी रणनीति बनाई जा सके। मुख्यमंत्री रहते डॉ रमन सिंह चुनाव की पूरी जिम्मेदारी संभालते रहे हैं ,जबकि बृजमोहन अग्रवाल को चुनाव मैनेजमेंट में माहिर माना जाता है। बृजमोहन अग्रवाल को भानुप्रतापपुर उपचुनाव में जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
क्या चार नए जिले बनेंगे ?
2023 छत्तीसगढ़ के लिए चुनावी साल है। ऐसे में लोग अंदाज लगा रहे हैं कि भूपेश सरकार 2023 में कई नई घोषणाएं कर सकती है। नई घोषणाओं के लिए लोग 26 जनवरी पर निगाह लगाए हुए हैं। लोगों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गणतंत्र दिवस के अपने भाषण में कुछ नए जिलों की घोषणा कर सकते हैं। लोग संभावना व्यक्त कर रहे हैं कि पाटन, सराईपाली, पत्थलगांव और भानुप्रतापपुर को जिला घोषित किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में अभी कुल 33 जिले हैं। चार नए जिले बनते हैं तो 37 हो जाएंगे। अब देखते हैं क्या होता है।
कलेक्टर साहब सुर्ख़ियों में
छत्तीसगढ़ में आजकल एक नए जिले के कलेक्टर साहब की बड़ी चर्चा है। कहते हैं कलेक्टर साहब किसी से सीधे मुंह बात नहीं करते। कलेक्टर साहब बड़े दिनों तक लूप लाइन में पड़े थे। नए जिले बने तो उनकी किस्मत खुल गई और कलेक्टरी का चांस मिल गया। कलेक्टर बनते ही साहब के पंख निकल आए। कहते हैं कलेक्टर साहब जबरिया डीएफओ के बंगले को कलेक्टर निवास बना दिया और पीडब्ल्यूडी के ई. ई. के निवास को एसडीएम को आबंटित कर दिया। चर्चा है कि ई. ई. के मकान खाली करने से पहले ही एसडीएम साहब सामान लेकर पहुँच गए।