नई दिल्ली: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने कहा है कि परिसर की एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में आग लगने की घटना से उन्हें आर्थिक तौर पर नुकसान झेलना पड़ा है. उन्होंने ये भी कहा कि इसका असर आने वाले दिनों में बीसीजी और रोटा वैक्सीन के प्रोडक्शन पर पड़ेगा. बता दें कि आग लगने से इंस्टीट्यूट में पांच लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
आग लगने की घटना के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ आदर पूनावाला ने कहा कि आग की घटना से कोविशील्ड टीकों का उत्पादन प्रभावित नहीं होगा
कोविड-19 पर नियंत्रण पाने के लिए ‘कोविशील्ड’ टीके का उत्पादन सीरम संस्थान के मंजरी केन्द्र में ही किया जा रहा है. जिस भवन में आग लगी वह सीरम इंस्टीट्यूट की निर्माणाधीन साइट का हिस्सा है और कोविशील्ड निर्माण इकाई से एक किमी दूर है, इसलिए आग लगने से कोविशील्ड के निर्माण पर कोई असर नहीं पड़ा है. महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि राज्य सरकार ने आग लगने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
कोविड-19 के राष्ट्रव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए ‘कोविशील्ड’ टीके का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मंजरी केन्द्र में ही किया जा रहा है. लापरवाही के कारण आग लगने के आरोपों पर पूछे जाने पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, ‘‘इस बारे में बात करने का यह सही समय नहीं है. लेकिन हमें, सीरम इंस्टीट्यूट में काम करने वाले विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों की ईमानदारी पर जरा भी कोई संदेह नहीं है.’’