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मध्यप्रदेश की इस IAS का वनवास खत्म, सरकार ने सौंपी डिंडौरी कलेक्टर की जिम्मेदारी, पढ़ें इस अफसर का दर्द

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भोपाल। मध्यप्रदेश में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया गया है। इस तबादले में सबसे चर्चित नाम IAS नेहा मारव्या का है। दअरसल, 2011 बैच की आईएएस अधिकारी नेहा मारव्या का 14 साल का वनवास खत्म हो गया है। आखिरकार सरकार ने नेहा को कलेक्टर की जिम्मेदारी सौंप दी है, उन्हें डिंडोरी कलेक्टर बनाया गया है. नेहा मारव्या ने दिसंबर 2024 में आईएएस सर्विस मीट के दौरान लिखा था कि मुझे 14 साल की नौकरी में एक बार भी फील्ड की पोस्टिंग नहीं मिली, सिर्फ ऑफिस आती हूं और चली जाती हूं। दीवारों में मुझे कैद करके रख दिया गया है। बता दें कि पूर्व मुख्य सचिव के करीबी अधिकारी की जांच करने के बाद से नेहा लूप लाइन में थीं।

इसके अलावा एक बड़ा बदलाव किया गया है। आईएएस भारत यादव को मुख्यमंत्री सचिवालय से हटाया उन्हें सड़क विकास निगम का प्रबंध संचालक बनाया गया है। बता दें कि आईएएस सर्विस मीट के दौरान युवा आईएएस का एक व्हॉटअप ग्रुप बनाया गया था। इसमें आईएएस अधिकारी ज्ञानेश्वर पाटिल ने लिखा था कि सीधी भर्ती के आईएएस अधिकारियों को 14 साल में 4 साल की कलेक्टरी मिलनी चाहिए।

इस पोस्ट के बाद आईएएस नेहा मारव्या का दर्द झलका और नेहा मारव्या ने लिखा था कि 14 साल की नौकरी में एक बार भी फील्ड की पोस्टिंग नहीं मिली। साढ़े 3 साल पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में उप सचिव बनाकर बैठाया गया है। ढाई साल से राजस्व विभाग में उप सचिव बिना काम के बनाया गया है, दीवारों में मुझे कैद करके रख दिया गया है।

इस मामले की शिकायत के बाद चल रही थी जांच

बता दें कि नेहा मारव्या ने वन विभाग के पीसीसीएफ पद से रिटायर हुए ललित बेलवाल के खिलाफ भर्ती में फर्जीवाड़ा करने की शिकायत की जांच की थी। कई दबाव के बाद भी उन्होंने जांच जारी रखी और फर्जीवाड़े की शिकायत को सही पाते हुए आपराधिक मामला दर्ज करने की अनुशंसा कर दी थी। इसके बाद उनका तबादला कर दिया गया, ललित बेलवाल तत्कालीन मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के करीबी माने जाते थे।

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