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सीएनजी हो सकती है सस्ती, पीएम के ऐलान के बाद नेचुरल गैस के GST दायरे में आने की उम्मीद बढ़ी

नेचुरल गैस को जीएसटी के दायरे में लाने और देश के ऑयल एंड गैस सेक्टर में 7.5 लाख करोड़ निवेश करने के पीएम के ऐलान के बाद नेचुरल गैस प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के शेयरों में 4 से 9 फीसदी की उछाल दर्ज की गई. गुरुवार को ओएनजीसी, जीएसपीएल, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड और गुजरात गैस के शेयरों की कीमत 4 से 9 फीसदी तक बढ़ गई.

इस वक्त नेचुरल गैस पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, राज्यों का वैट और सेंट्रल सेल्स टैक्स लगता है. अलग-अलग राज्यों में वैट की दर अलग-अलग है. मध्य प्रदेश में इस पर 14 फीसदी, यूपी और आंध्र प्रदेश में 14.5-14.5 फीसदी और गुजरात में 15 फीसदी है.सीएनजी पर अभी 14 फीसदी की सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी और राज्यों मे में 5 से 24 फीसदी तक वैट लगता है. अगर इस पर 5 से 18 फीसदी का वैट स्लैब लागू होता है तो इसकी कीमतें घटेंगी. सस्ता होने की वजह से इसकी खपत बढ़ेगी और इससे गैस प्रोडक्शन कंपनियों का वॉल्यूम बढ़ेगा. इन्हीं संभावनाओं की वजह से गैस कंपनियों के शेयरों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इस वक्त सीएनजी की कीमतें पेट्रोल और डीजल की कीमतों का आधा हैं.

जीएसटी के दायरे में आने से कंपनियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा और इससे उनकी लागत घटेगी. लागत घटने का एक फायदा और होगा की कंपनियां इंडस्ट्री को ज्यादा गैस बेच सकेगी. गुजरात गैस के ग्राहकों में 70 फीसदी हिस्सेदारी इंडस्ट्री क्लाइंट्स की है. देश में वित्त वर्ष 2020-21 के नौ महीनों के दौरान गैस की खपत 5.4 फीसदी घट कर 45,124 मिलियन एमएमएससीएम पर आ गई. हालांकि एलएनजी की खपत 0.3 फीसदी बढ़ गई. नेचुरल गैस की कुल खपत में इसकी हिस्सेदारी 55 फीसदी है.

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