छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र राज्यपाल अनुसुइया उइके के अभिभाषण के साथ आज से शुरू हो गया। अभिभाषण पर चर्चा 25-26 फरवरी को होगी। एक मार्च को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बजट पेश करेंगे। 26 मार्च तक चलने वाले बजट सत्र में कुल 24 बैठकें होंगी। बजट सत्र के दौरान विपक्ष धान खरीदी, किसानों की आत्महत्या, महिलाओं के विरुद्ध अपराध, भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरेगा। अब तक 2350 सवाल लगे हैं।
विधानसभा स्पीकर डॉ.चरणदास महंत ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 23 फरवरी को चार दिवंगत नेताओंं को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसी दिन तृतीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया जाएगा। इस पर दो और तीन मार्च को सामान्य चर्चा होगी। इसके बाद 4 से 23 मार्च तक विभागवार अनुदान मांगों पर चर्चा होगी। स्पीकर डॉ. महंत ने बताया कि 20 फरवरी तक प्रश्नकाल की कुल 2350 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। इनमें 1262 तारांकित एवं अतारांकित प्रश्नों की संख्या 1088 है। प्रश्न प्राप्त करने की अंतिम तिथि 2 मार्च निर्धारित की गई है, इसलिए प्रश्नों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि स्थगन प्रस्ताव की 24 और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की 117 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। इसी तरह नियम 139 के अधीन अविलंबनीय लोक महत्व के विषय पर चर्चा के लिए केवल एक सूचना और अशासकीय संकल्प की कुल 9 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। अभी तक की स्थिति में शून्यकाल की 18 और याचिका की 37 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं।
सरकार को घेरेगी भाजपा
बजट सत्र में भाजपा ने हर मुद्दे को प्रश्नकाल के साथ-साथ ध्यानाकर्षण और स्थगन के जरिए सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है, जिससे सरकार जवाब देने से बच न पाए। खासकर विभाग वार अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान भाजपा के 15 साल के शासन में हुए काम और वर्तमान में ठप कार्यों पर जवाब मांगा जाएगा। इसके लिए सभी विधायक पूरी तैयारी के साथ पहुंचेंगे।
साथ ही, 90 विधानसभा क्षेत्रों से भी इनपुट मांगे गए हैं। विधानसभा में इस बार विपक्ष की ओर से सभी मुद्दों को सदन में पूरी तैयारी के साथ उठाने की रणनीति बनाई गई है। गंभीर मुद्दों को प्रश्नकाल के साथ-साथ ध्यानाकर्षण और स्थगन प्रस्ताव के जरिए भी उठाया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के मुताबिक शीतकालीन सत्र से बजट सत्र के बीच काफी घटनाएं हुई हैं, जिस पर सदन में सरकार से जवाब मांगा जाएगा। लूट, डकैती, अपहरण, हत्या के मामले आ रहे हैं। पुलिस का खौफ खत्म हो गया है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। कानून व्यवस्था की लचर स्थिति है। अनाचार की घटनाओं में वृद्धि हुई है। बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।
इसी तरह किसानों को न्याय योजना की चौथी किस्त का 14 माह बाद भी भुगतान नहीं हुआ है। यहां तक की तारीख भी नहीं बताई जा रही है। सरकार की लापरवाही से पिछले सत्र में जो धान खरीदी हुई थी, उसमें लगभग 1200 करोड़ के धान सड़ गए। इसका जवाबदार कौन है, यह तय नहीं किया गया। भविष्य के लिए क्या तैयारी है, यह भी स्पष्ट नहीं है। इन सब मुद्दों को उठाया जाएगा।
अविश्वास प्रस्ताव ग्राह्य नहीं होगा
बजट सत्र में जोगी कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाना चाह रही है। साथ ही, वह भाजपा नेताओंं से समर्थन भी मांग रही है, लेकिन स्पीकर डॉ. महंत ने बताया कि बजट सत्र में इसका प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता इसलिए यह ग्राह्य नहीं किया जाएगा।
विधानसभा के प्रमुख सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े ने बताया कि विधायकों और मंत्रियों के लिए पूर्व के सत्रों के जैसी ही गाइडलाइन रखी गई है। मंत्री के साथ केवल एक सहायक को ही प्रवेश दिया जाएगा, जबकि विधायक अकेले ही विधानसभा में आ पाएंगे। इसी तरह अध्यक्षीय और दर्शक दीर्घा में प्रवेश पूर्व की तरह प्रतिबंधित रहेगा।