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आज विनायक चतुर्थी : ऐसे करें गणेश जी की आराधना

श्री गणेश को चतुर्थी तिथि का अधिष्ठाता माना गया है। साथ ही इन्हें बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। गणेश जी की उपासना शीघ्र फलदायी मानी गई है और विनायक चतुर्थी व्रत के दिन गणेश जी के निमित्त व्रत करने से व्यक्ति की समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही हर तरह के संकटों से छुटकारा मिलता है, ज्ञान की प्राप्ति होती है और धन-संपत्ति में भी बढ़ोतरी होती है।

विनायक चतुर्थी पूजा शुभ मुहूर्त
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आंरभ- रात 1 बजकर 54 मिनट से (23 फरवरी 2023)
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त- रात 12 बजकर 3 मिनट पर (24 फरवरी 2023)
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06 बजकर 05 मिनट से 24 फरवरी 2023, सुबह 02 भजर 14 मिनट तक
विनायक चतुर्थी व्रत तिथि: 23 फरवरी 2023

इन गणेश मंत्रों का करें जाप
वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ:। निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा।।
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं। उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्।।
सिद्धिबुद्धि पते नाथ सिद्धिबुद्धिप्रदायिने। मायिन मायिकेभ्यश्च मोहदाय नमो नमः।।

विनायक चतुर्थी व्रत पूजा विधि

0 प्रात:काल उठककर स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र पहन लें।
0 इसके बाद सूर्य देवता को जल से अर्घ्य दें।
0 विनायक चतुर्थी व्रत का संकल्प लें।
0 मंदिर को साफ कर गंगाजल से शुद्ध कर लें।
0 गौरी पुत्र गणेश की विधि-विधान के साथ पूजा करें।
0 गणपति जी की तस्वीर या मूर्ति पर फूल, माला, दुर्व, अक्षत, सिंदूर, धूप, दीप अर्पित करें।
0 गणेश जी को मोदक, नारियल या बूंदी के लड्डूओं का भोग लगाएं।
0 गणपति जी के प्रिय स्तोत्र का पाठ करें।
0 इसके बाद आखिर में गणेश जी की आरती उतारें और मंत्रों का जाप करें।

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