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कोर सेक्टर के प्रदर्शन में मामूली सुधार, लगातार दूसरे महीने हालात बेहतर रहे

जनवरी 2021 के दौरान कोर सेक्टर के आठ उद्योगों के प्रदर्शन में मामूली सुधार हुआ और यह 0.1 फीसदी की दर से बढ़ा. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक कोर सेक्टर के आठ उद्योग 2020, जनवरी की तुलना में सिर्फ 0.1 फीसदी बढ़े. यह लगातार दूसरा महीना है कि जब इन उद्योगों के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है. दिसंबर 2020 में कोर सेक्टर का उत्पादन 0.2 फीसदी बढ़ा था. नवंबर 2020 में इसमें 1.4 फीसदी की गिरावट आई थी.

जनवरी 2021 में कोर सेक्टर के उत्पादन में कोई खास रफ्तार नहीं दिखी. मामूली रफ्तार की वजह से 0.1 फीसदी की ग्रोथ मिल सकी. सीमेंट और क्रूड ऑयल प्रोडक्शन पर सबसे ज्यादा असर रहा. बिजली,स्टील और फर्टिलाइजर में बढ़ोतरी दिखी.2020-21 में अप्रैल-जनवरी के बीच कोर सेक्टर के आठ उद्योगों के उत्पादन में 8.8 फीसद की गिरावट दिखी. पिछले साल की समान अवधि में इन आठ सेक्टरों में 0.8 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली थी. आईआईपी में आठ कोर सेक्टर की हिस्सेदारी 40.27 फीसदी के आसपास है.

अप्रैल से दिसंबर के बीच में पूरे कोर सेक्टर के उत्पादन में 10.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. पिछले एक साल में सिर्फ एक सेक्टर में पॉजिटिव ग्रोथ रही और वह है फर्टिलाइजर सेक्टर. वित्त वर्ष 2020 में स्टील और सीमेंट सेक्टर उत्पादन में गिरावट का सामना करते रहे. विश्लेषकों का कहना है कि कोर सेक्टर के उत्पादन में निकट भविष्य में बढ़ोतरी की गुंजाइश नहीं दिख रही है.

कोरोना संक्रमण ने कई सेक्टरों पर चोट की है. इस बीच केंद्र का राजकोषीय घाटा 12.34 लाख करोड़ तक बढ़ गया. वित्त वर्ष 2019-20 में जनवरी के आखिर तक यह बढ़ कर संशोधन अनुमान के 128.5 फीसदी तक पहुंच चुका था. दरअसल कोर सेक्टर में गिरावट की वजह से सरकार की आय में लगातार कमी हो रही है. इसका असर राजकोषीय घाटे पर पड़ता दिख रहा है.

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