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राहुल गांधी की सदस्यता ख़त्म होने पर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका

नई दिल्ली। राहुल गांधी की संसद सदस्यता ख़त्म होते ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। केरल की रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता आभा मुरलीधरन ने याचिका दायर कर मांग की है कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(3) को असंवैधानिक करार दिया जाना चाहिए। पीआईएल के मुताबिक, चुने हुए प्रतिनिधि (सांसद/विधायक) को सजा का एलान होते ही उनका जन प्रतिनिधित्व यानी सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाना असंवैधानिक है। याचिका में कहा गया कि अधिनियम के चेप्टर-III के तहत अयोग्यता पर विचार करते समय आरोपी के नेचर, गंभीरता, भूमिका जैसे कारकों की जांच की जानी चाहिए।

बता दें कि धारा 8(3) के तहत संसद या विधानसभा सदस्य की सदस्यता 2 या 2 साल से ज्यादा सजा होने की स्थिति में चली जाती है। याचिका में कहा गया है कि इसी सेक्शन के तहत नेताओं को अयोग्य घोषित किया जाता है। याचिकाकर्ता का कहना है कि एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि को इस धारा के तहत खुद अयोग्य घोषित कर देना, उसके अधिकारों का उल्लंघन है। याचिका में कहा कि यह सेक्शन निर्वाचित सदस्यों को कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकता है, जो कि लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है।

बता दें कि सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई थी। बहरहााल, अदालत ने राहुल को जमानत भी दे दी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक भी लगा दी थी, ताकि वह फैसले को चुनौती दे सकें। लेकिन दोषी करार होते ही उनकी संसद की सदस्यता खत्म हो गई।

 

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