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आरएसएस के छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के पदाधिकारियों की बैठक 8 और 9 अप्रैल को

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिन्हित पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक 8 और 9 अप्रैल को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में होने जा रही है, इस बैठक में प्रत्येक विषय पर मंथन किया जाएगा, आरएसएस के विस्तार के बारे में भी मंथन किया जाएगा.

2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का 100 वर्ष पूर्ण होने जा रहा है, उनके कार्यक्रमों और हाल ही में संपन्न केंद्रीय बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार उसे अमलीजामा पहनाने के लिए जमीनी स्तर पर मंथन किया जाएगा…
समस्त पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे.

महत्वपूर्ण यह है कि इस बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भाजपा में अपनी सेवाएं देने के लिए गए लोग जिन्हें विभिन्न पदों पर खासकर संगठन मंत्रियों के पदों पर नियुक्त किया गया है, उन्हें भी आमंत्रित किया गया है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री और छत्तीसगढ़ संगठन के प्रभारी शिव प्रकाश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, छत्तीसगढ़ के प्रदेश महामंत्री संगठन पवन साय एवं मध्य प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री भी इस बैठक में दोनों दिन उपस्थित है.

मप्र और छत्तीसगढ़ का चुनावी मंथन
नवंबर 2023 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव है सूत्र यह बता रहे हैं कि मध्य प्रदेश के 230 और छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा क्षेत्र के बारे में भी गंभीर मंथन किया जाएगा, क्योंकि 2024 में लोकसभा के चुनाव है मध्य प्रदेश में 29 लोकसभा क्षेत्र हैं और छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा क्षेत्र है.

भाजपा के लिए सर्वे
विश्वसनीय सूत्र यह बता रहे हैं छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अनुषांगिक संगठन के लोगों के द्वारा और विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से सर्वे करवाया जा रहा है, टीम पहुंच चुकी है, टीम के पास अपने सूत्र हैं वह लोगों को मोबाइल पर संपर्क कर फीडबैक ले रहे हैं, सूत्र यह भी बता रहे हैं उस फीडबैक के आधार पर भी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के उपरोक्त सीटों पर मंथन किया जा सकता है.

2018 में हुई थी हार
2018 में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी लेकिन मध्य प्रदेश में सरकार पिछड़ गई थी, बाद में ज्योतिर्रादित्य सिंधिया के भाजपा में अपने विधायकों को प्रवेश करवा कर भाजपा की सरकार बनवाई गई थी, स्पष्ट रूप से भाजपा को बहुमत नहीं मिला था, वहीं छत्तीसगढ़ में 15 वर्ष तक लगातार सरकार रहने के बाद भाजपा यहां बुरी तरह हार गई थी और मात्र भाजपा के 14 विधायक कि आज है.

2023 के विधानसभा चुनाव में दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार बने, जमीनी स्तर पर जनता की और भाजपा कार्यकर्ताओं की क्या मानसिकता है, उस पर भी मंथन किया जाएगा और शायद रणनीति तय की जाएगी, यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

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