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क्या है SIP, STP, SWP? कैसे निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद मिलता है फायदा?

हर कोई चाहता है कि उसका पैसा ऐसी जगह निवेश हो, जहां उसे बढ़िया रिर्टन मिले और रिस्क कम हो. हालांकि बढ़िया रिटर्न के लिए लोग शेयर मार्केट का रुख करते हैं लेकिन शेयर मार्केट में रिस्क काफी ज्यादा होता है. जिसके कारण बहुत से लोग इससे दूरी भी बना लेते हैं लेकिन निवेशक SIP, STP, SWP के जरिए बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद भी कम रिस्क पर बढ़िया मुनाफा हासिल कर सकते हैं.

निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव से कई बार काफी परेशान हो जाते हैं. ऐसे में निवेशकों को निवेश और निकासी के सिस्टमैटिक प्लान को तवज्जो देनी चाहिए. एक बढ़िया फंड चुनने के बाद यह प्लान काफी फायदे का सौदा साबित हो सकता है. निवेश की सिस्टमैटिक रणनीति को तीन हिस्सों में बांटा जाता है. इनमें सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP), सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) और सिस्टमैटिक विदड्रावल प्लान (SWP) शामिल है. आइए जानते हैं कि कैसे निवेशक इनसे फायदा उठा सकते हैं.

पैसे को एक सही तरीके से निवेश करने की प्रक्रिया को SIP कहते हैं. इस प्रक्रिया के तहत बाजार में पैसा एक साथ और एक ही वक्त में निवेश नहीं किया जाता है. बल्कि अपने पैसे को कई हिस्सों में बांट दिया जाता है और अलग-अलग समय में निवेश किया जाता है. SIP का जिक्र म्यूचुअल फंड्स के संदर्भ में ज्यादा होता है. इससे तय वक्त पर एक निश्चित रकम पसंदीदा म्यूचुअल फंड में लगाई जाती है. हालांकि एसआईपी की प्रक्रिया वाली रणनीति को शेयर मार्केट में भी अपनाया जा सकता है. एसआईपी के जरिए निवेश करने का फायदा ये होता है कि इस प्रक्रिया में एक मुश्त पैसा नहीं लगाना पड़ता है और बाजार जब नीचे आया हुआ होता है तो हमें उस वक्त भी निवेश का विकल्प मिल जाता है.

STP निवेश करने की रणनीति का अहम हिस्सा है. STP का इस्तेमाल तब किया जाता है जब निवेश के लिए एकमुश्त फंड मौजूद हो, लेकिन अपने पिछले निवेश को एवरेजिंग करने के लिए SIP के जरिए निवेश करना चाहते हैं तो इसके तहत आप इस फंड को किसी सुरक्षित डेट फंड में रख सकते हैं. इसके बाद फंड से अपने पसंदीदा इक्विटी फंड में हर महीने एक रकम ट्रांसफर करने का आदेश दे सकते हैं. इससे पूरा निवेश सिस्टमैटिक तरीके से ट्रांसफर होगा और डेट फंड में बेहतर रिटर्न लिया जा सकेगा.

बाजार में पैसा निवेश करने के बाद उसकी निकासी का भी ध्यान रखें. अपनी निवेश की गई रकम को सही वक्त पर निकालना भी काफी अहम होता है. बाजार के उतार-चढ़ाव के कारण पैसा निकालने का सही समय का पता लगा पाना असभंव है. ऐसे में SWP का सहारा लेना काफी बढ़िया होता है. SWP के जरिए अपने फंड को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट कर एक निश्चित वक्त में निकाला जा सकता है. ऐसे में पूरी रकम पर एवरेजिंग का फायदा मिलेगा और पैसे को बाजार की गिरावट पर निकालने की जोखिम का भी फायदा मिलेगा.

 

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