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नितिन पोटाई पहुंचे तेन्दूपत्ता खरीदी केन्द्र,संग्राहको से बातचीत कर समस्याओं से हुए अवगत

कांकेर।वनो में उत्पादन होने वाला तेन्दूपत्ता जिसे हरा सोना कहा जाता है वनांचल में निवास करने वाले आदिवासियों एवं ग्रामीण जनों के आजीविका का प्रमुख साधन है। जिले में तेन्दूपत्ता का संग्रहण कार्य प्रारंभ होने से जंगलों में चहल-पहल बढ़ गई हैं तथा इससे होने वाले लाभ के कारण ग्रामीण जनो में उत्साह का वातावरण है। इसी तारतम्य में जिला वनोपज सहकारी संघ कांकेर के अध्यक्ष नितिन पोटाई लगातार तेन्दूपत्ता खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण कर रहे है। तेन्दूपत्ता संग्रहण वर्ष 2024 में जिला वनोपज सहकारी संघ कांकेर अतंर्गत 21 समितियों के 304 तेन्दूपता संग्रहण केन्द्रो में खरीदी का कार्य जारी है। आज वनोपज अध्यक्ष नितिन पोटाई कोड़ेजुगा, चिवरांज, मरकाटोला, सिलतरा एवं अन्य खरीदी केन्द्रो में पंहुचे तथा खरीदी किये जा रहे तेन्दूपत्ता के गुणवत्ता का निरीक्षण किया।

वनोपज अध्यक्ष पोटाई ने बताया कि बेहतरीन तरीके से किये गये शाखकर्तन के परिणाम स्वरूप क्षेत्र में अच्छे किस्म के तेन्दूपता प्राप्त हो रहे है यद्यपि मौसम की मार से तेन्दूपत्ता फसल को नुकसान भी हुआ है लेकिन फिर भी संग्राहकों में उत्साह का वातावरण है। श्री पोटाई ने निरीक्षण के दौरान क्षेत्र के फडमुंशियों नोडल अधिकारियों एवं संग्राहकों से बातचीत कर तेन्दूपत्ता संग्रहण के संबंध में जानकारी प्राप्त की तथा उनकी समस्याओं से भी अवगत हुए। मरकाटोला के फड़ मुंशी ने बताया कि उनके गांव के दो व्यक्तियों को बीमा का लाभ नहीं मिला है जिस पर तत्काल एक्शन लेते नितिन पोटाई ने जिला मुख्यालय में बैठे कर्मचारी को इस विषय में आवश्यक दिशा निर्देश दिये वही कोड़ेजुगा के फड़ मुंशी ने लंबे समय से कार्य कर रहे फड़ मुशियों को सुविधाएं दिलाने की बात कही।

इस अवसर पर श्री पोटाई ने कहा कि संघ एवं शासन द्वारा तेन्दूपत्ता तोड़ने वाले संग्रहक परिवार को प्रतिमानक बोरा लाभांश प्रदान किया जाता है वही संग्राहक परिवारों के बच्चों को मेधावी छात्रवृति योजना अंतर्गत 8वी. 10वीं एवं 12वीं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पुरूस्कार राशि दी जाती है एवं शिक्षा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत व्यवसायिक एवं गैर व्यवसायिक शिक्षा कोर्स हेतु छात्रवृति की व्यवस्था की गई है साथ ही संग्राहक परिवार हेतु सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना के तहत 2 लाख रूपये दिये जाने का प्रावधान है। इस योजना का लाभ तभी मिलेगा जब संग्राहक परिवार निरंतर 2 वर्षाे में 500 तेन्दूपत्ता की गडडी का संग्रहण करें। अतः वनोपज संग्राहक परिवार कम से कम प्रतिवर्ष 500 तेन्दूपत्ता की गड्डी अवश्य संग्रहण करें ताकि संघ की योजनाओं का लाभ मिल सके।

श्री पोटाई ने बताया कि जिला यूनियन कांकेर में 2 मार्च से तेन्दूपता का संग्रहण कार्य जारी है और अब तक 37,800 मानक बोरा के लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रारंम्भिक अवस्था में 16,491 मानक बोरा का संग्राहण हो चुका है जिसकी भुगतान की राशि 90,704,625.00 संग्राहकों को किया जाना है। इस वर्ष संग्रहण करने वाले परिवारो की वास्तविक संख्या 31025 है। श्री पोटाई ने कहा कि तेन्दूपत्ता के लक्ष्य को पूरा करने के लिए वन विभाग के समस्त अधिकारी प्राथमिक समिति प्रंबंधकगण फड़ मुंशी, नोडल अधिकारी, जिला एवं प्राथमिक समिति के अध्यक्ष एवं संचालक मण्डल के पदाधिकारी निरंतर लगे हुए है उम्मीद है कि दो चार दिनों में तेन्दूपत्ता के संग्रहण में गति आयेगी और हम 37,800 मानक बोरा के लक्ष्य को पूर्ण करेंगे।

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