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छत्तीसगढ़ में आंधी और बारिश से पारा 3 डिग्री तक लुढ़का, जानें- ‘असानी’ तूफान का कितना होगा असर

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है. तेज आंधी-तूफान के साथ शुक्रवार शाम को राज्य के कई जिलों में बारिश हुई है. इस वजह से पारा 3 डिग्री तक लुढ़का है. अगले कुछ और दिन भी मौसम में बदलाव की संभावना है. इस दौरान बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान ‘असानी’ का प्रभाव भी देखने को मिलेगा. मौसम केंद्र रायपुर (Mausam Kendra Raipur) ने शनिवार की भी कई जिलों में बारिश की संभावना जताई है.

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को रायपुर में अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो सामान्य से 1 डिग्री कम है. इसी तरह बिलासपुर में 39 डिग्री, पेंड्रा में सामान्य से 2 कम 37.9 डिग्री,अंबिकापुर में 37.8 डिग्री, जगदलपुर में सामान्य से 1 कम 36.9 डिग्री और दुर्ग जिले में अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, यह सामान्य से 3 डिग्री कम है.

शनिवार को भी बारिश के आसार

पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश में सबसे कम न्यूनतम तापमान जगदलपुर में 22.5 डिग्री दर्ज किया गया और सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान महासमुंद में 42.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि चक्रवाती घेरा दक्षिण पूर्व मध्य प्रदेश के ऊपर 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. छत्तीसगढ़ में उत्तरी हवा के कारण तापमान धीरे-धीरे बढ़ने की संभावना है, लेकिन दक्षिण छत्तीसगढ़ में दक्षिण से ठंडी नमी युक्त हवा आने के कारण अधिकतम तापमान बढ़ने की संभावना नहीं है. दोनों सिस्टम के प्रभाव से प्रदेश के एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ बारिश होन का अनुमान है.

छत्तीसगढ़ में चक्रवाती तूफान का कितना होगा असर

वहीं बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात सक्रिय हो गया है. इसे श्रीलंका ने असानी नाम दिया है. इसका प्रभाव 10 मई को आंध्र और उड़ीसा तट पर होगा. मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि इसका प्रभाव प्रदेश में कब से कितना होगा, एक-दो दिनों बाद ही स्पष्ट होगा, लेकिन तापमान में वृद्धि की संभावना कम हो गई है. असानी आज तक दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक अवदाब बनकर और ज्यादा प्रबल होकर एक चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है. इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने से 8 मई की शाम तक पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर और उत्तर में पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी तक पहुंचने की बहुत संभावना है.

 

 

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