देश भर में त्योहारी सीजन की शुरुआत के बावजूद गोल्ड की मांग में इजाफा नहीं दिख रहा है. इस वक्त हर साल अक्षय तृतीया के मौके पर देश भर में गोल्ड और गोल्ड ज्वैलरी की अच्छी बिक्री होती है. अक्षय तृतीया को गोल्ड खरीदना शुभ माना जाता है इसलिए इसकी बिक्री बढ़ जाती है. इस साल 14 मई को अक्षय तृतीया है लेकिन ज्वैलरी स्टोर्स संचालकों को गोल्ड की बिक्री में तेजी की कोई उम्मीद नहीं दिखती. दरअसल ज्यादातर राज्यों में लॉकडाउन, कोरोना कर्फ्यू और ट्रैफिक पर पाबंदियों की वजह से बाजार बंद हैं. पिछले साल ( 2020) को भी अक्षय तृतीया के दौरान गोल्ड की बिक्री काफी कम रही थी. क्योंकि उस समय भी देश कोरोना की वजह से लॉकडाउन और पाबंदियों से गुजर रहा था.
पिछले साल अक्षय तृतीया पर गोल्ड की खरीदारी 2019 की तुलना में 70 फीसदी कम रही थी. इस तरह के हालात इस बार भी देखने को मिल सकते हैं. ज्वैलरी कंपनियों और स्टोर्स को ऑनलाइन खरीदारी की भी उम्मीद नहीं है. मुंबई के एक ज्वैलर्स के मुताबिक यह लगातार दूसरा साल है जब त्योहारी सीजन पर गोल्ड में होने वाली खरीदारों से दुकानदारों को महरूम रहना पड़ रहा है. इस साल गुड़ी पड़वा में भी गोल्ड की बिक्री नहीं हुई थी क्योंकि मुंबई में लॉकडाउन था. ज्वैलर्स के लिए ये दो दिन ऐसे होते हैं जब गोल्ड की बंपर बिक्री होती है.
गोल्ड स्टोर्स के बंद होने का असर रोजगार पर पड़ना तय है. क्योंकि स्टोर्स बड़ी तादाद में सेल्स पर्सन को रोजगार देते हैं. इसके अलावा ज्वैलरी सेक्टर प्रशिक्षित और अर्द्ध प्रशिक्षित कारीगरों को भी रोजगार देता है. ज्वैलरी सेक्टर में काम न होने से गहनों के निर्यात में भी कटौती होगी. कई बड़े ज्वैलर्स डिजिटल मार्केटिंग पर भी जोर दे रहे हैं. लेकिन जितने गोल्ड की खरीदारी स्टोर पर होती है, उतनी खरीदारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नहीं होती है.
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