वॉलमार्ट की मालिकाना हक वाली ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट निवेशकों से एक अरब डॉलर जुटाने के लिए शुरुआती बातचीत कर रही है. फ्लिपकार्ट यह फंड ऐसे वक्त में जुटा रही है जब इसने पहले से ही अमेरिका में अपना आईपीओ लॉन्च करने की तैयारी की हुई है. इस साल की आखिरी तिमाही में फ्लिपकार्ट न्यूयॉर्क में अपना आईपीओ लॉन्च कर एक अरब डॉलर जुटाएगी.
भारतीय बाजार में अमेजन, रिलायंस की जियो रिटेल जैसी कंपीटिटर से मुकाबले के लिए फ्लिपकार्ट फंड जुटाने में लगी है. पिछले साल फ्लिपकार्ट ने 1.2 अरब डॉलर जुटाए थे. इसमें सबसे अधिक फंड वॉलमार्ट का था. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक इस बार इसमें कई निवेशक जुड़ सकते हैं. इनमें सॉवरेन वेल्थ फंड से लेकर टेक्नोलॉजी फोक्स्ड फाइनेंशियल ग्रुप, पेंशन फंड और प्राइवेट इक्विटी फंड शामिल हैं. इसमें सीपीपीआईबी, सीडीपीक्यू और कार्लाइल जैसे ग्रुप शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक सिंगापुर के जीआईसी और कतर इनवेस्टमेंट अथॉरिटी जैसे समूह शामिल हैं. जेपी मॉर्गन और गोल्डमैन सैश फंड इकट्ठा करने की इस प्रक्रिया में सलाहकार के तौर पर काम करेंगी.
फ्लिपकार्ट में वॉलमार्ट की 77.8 फीसदी
फ्लिपकार्ट में वॉलमार्ट की 77.8 फीसदी है. टेन्सेंट की 5 क्यूआईए की 1.5, टाइगर ग्लोबल की 4.5, बिन्नी बसंल की 3.3 ईसॉप पूल की 5.1 और अन्य की हिस्सेदारी 2.8 फीसदी है. कंपनी 80 से ज्यादा कैटेगरी में डेढ़ करोड़ प्रोडक्ट ऑफर करती है. कंपनी का रजिस्टर्ड कस्टमर बेस 30 करोड़ ग्राहकों का है. अपैरल जैसे कैटेगरी में यह शीर्ष ई-कॉमर्स कंपनी है. फिलहाल भारत में कंपनी का फोकस स्मार्टफोन की बिक्री बढ़ाने पर है.
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