1977 से ही आईसीओएम (इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम-अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद) हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का आयोजन करता है, जो कि अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय समुदाय के अद्भुत क्षण का प्रतिनिधित्व करता है। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है और ये बताना है कि किस तरह “संग्रहालय संस्कृति के आदान-प्रदान, संस्कृति के सवर्धन और आपसी समझ, निगम के विकास और लोगों के बीच शांति का एक महत्वपूर्ण साधन है।”
संग्रहालय हमारे आस-पास की पूरी दुनिया को बदलने की ताकत रखते हैं। एक शानदार स्थान किसी भी नई तरंग की जानकारी की खोज करने के लिए, एक ऐसा स्थान जो हमें हर पल हर समय कुछ न कुछ सिखाता रहता है। अपने भविष्य, भूत और वर्तमान से अवगत करता है। हमारे दिमाग को नए विचारों के लिए खोलता है।
अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का इतिहास इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1977 में की गई थी। इस दिवस की स्थापना मॉस्को, रूस में आईसीओएम महासभा के दौरान की गई और फैसला लिया गया कि प्रतिवर्ष 18 मई को अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जाएगा। इस दिवस के माध्यम से संग्रहालय के महत्व को समझाते हुए लोगों में जागरूकता फैलाना है। इस दिवस के माध्यम से लोगों तक ये संदेश पहुंचाना है कि समझ, सहयोग और लोगों के बीच शांति के लिए संग्रहालय की आवश्यकता है। बता दें कि शुरुआती समय में ये दिवस बिना थीम के साथ मनाया जाता था, लेकिन वर्ष 1922 के बाद आईसीओएम द्वारा इसे एक थीम के साथ मनाए जाने का फैसला लिया गया और उस साल इस दिवस को एक खास विषय/थीम के ‘संग्रहालय और पर्यावरण’ के साथ मनाया गया।