Close

16 जून से छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी स्कूल खुल जाएंगे

रायपुर, शैक्षणिक सत्र 2022-23 की तैयारी के संबंध में शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी कर दिए हैं। 16 जून यानी अगले हफ्ते से छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी स्कूल खुल जायेंगे।

जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा ने 16 जून के पहले सभी स्कूलों में साफ-सफाई और मरम्मत का कार्य पूरा के निर्देश जारी किए हैं। सभी स्कूल के प्रिंसिपल और हेड मास्टर को एक निर्देश जारी किया गया है। पहली बार जिला शिक्षा अधिकारी ने पढ़ाई पर फोकस पहले दिन से ही करवाने की बात पर जोर देते हुए तमाम शाला प्रमुखों को लेटर जारी किया है।

शाला प्रमुखों के लिए दिशा निर्देश

जिला शिक्षा अधिकारी ने निर्देश में कहा है कि 31 जुलाई के पहले तक इस बात का खाका तैयार करें कि पूरे साल किस तरह से बच्चों को सिखाया और पढ़ाया जाएगा। इस रोडमैप में यह बताना होगा कि किस तरह व क्या-क्या अध्यापन और अभ्यास कराया जाएगा। इसके साथ ही प्रायोगिक कार्य भी 16 जून से शुरू किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आदेश में कहा गया है कि विद्यालयों को जनसहयोग से आकर्षक व कलरफुल बनाया जाए।

गर्म पका हुआ मध्याह्न भोजन देने की बात भी कही गई है। एक और बात अपने खत में जिला शिक्षा अधिकारी ने कही है कि बच्चों को उनकी क्लास के अनुसार हिंदी और अंग्रेजी के साथ गणितीय कौशल सिखाने पर भी जोर देना होगा। इसके साथ-साथ बच्चों का मूल्यांकन यानी कि क्लास टेस्ट भी लेना होगा ताकि उन्हें और बेहतर करने में टीचर को जानकारी मिल सके।

इस खत में DEO ने लिखा है कि पहले दिन से ही क्लास में थ्योरी और प्रैक्टिकल पर खास जोर देते हुए क्लास में कक्षाएं लगाई जाएंगी। इसके अलावा जन सहयोग से क्लासरूम को आकर्षक और कलरफुल बनाया जाएगा। उन्होंने संस्था के प्रमुखों से एक रोडमैप तैयार करने को कहा है। जिसमें टीचर यह बताएंगे कि बच्चों को क्या-क्या किस तरह से अभ्यास कराते हुए सिखाया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी ने साफ तौर पर स्कूलों को जिम्मेदारी दी है कि हर क्लास के बच्चे के सीखने और समझने की दक्षता को बढ़ाना लक्ष्य होगा। निशुल्क बांटे जाने वाली पाठ्य पुस्तकें और यूनिफॉर्म जैसी चीजें भी बच्चों के लिए उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

5 जुलाई को शाला प्रमुखों की अकादमिक बैठक

नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें और गणवेश संबंधित एजेंसी से प्राप्त होते ही बच्चों को उपलब्ध कराए जाएं और मध्याह्न भोजन भी पहले दिन से ही शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर बच्चों के अनुरूप कक्षा का स्तर नहीं पाया गया तो संबंधित शिक्षकों और संस्था प्रमुखों के ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। पांच जुलाई को शाला प्रमुखों की अकादमिक बैठक होगी। उन्होंने बताया कि अगले महीने पांच जुलाई को सभी विकासखंडों के शाला प्रमुखों की अकादमिक बैठक ली जाएगी।

scroll to top