बाजार नियामक संस्था सेबी ने (Securities and Exchange Board of India) फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) को अपना IPO लाने की मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के बाद जोमैटो आईपीओ के माध्यम से 1.2 अरब डॉलर जुटाएगा. विशेषज्ञों के अनुसार हाल के इतिहास में चीनी एंट ग्रुप द्वारा समर्थित कंपनी जोमैटो के आईपीओ का शिद्दत से इंतजार किया जा रहा है. कंपनी ने अप्रैल में आईपीओ के लिए सेबी में आवेदन किया था जिसे सेबी ने इजाजत दे दी है. इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया था कि जोमैटो के इश्यू को सोमवार तक मंजूरी मिल सकती है।
जोमैटो द्वार फाइल किए गए आवेदन के मुताबिक कंपनी 8250 करोड़ के इक्विटी शेयर पेश करेगी. इनमें 7500 करोड़ फ्रेश इश्यू होंगे जबकि 750 करोड़ कंपनी के वर्तमान निवेशकों के इंफो एज से पूरा की जाएगी. कंपनी ने पिछले कुछ महीनों में प्री आईपीओ प्राइमरी फंड रेजर के माध्यम से 25 करोड़ डॉलर जुटाया है. इससे कंपनी का वैल्यूएशन 5.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. आईपीओ आ जाने के बाद कंपनी को उम्मीद है कि उसे 8.7 अरब डॉलर का वैल्यूएशन मिल सकता है. बताया कि कंपनी के इश्यू में ग्लोबल टेक स्पेशियलिस्ट फंड्स और EM फंड्स की बड़ी दिलचस्पी देखी जा रही है. इससे कंपनी का वैल्यूएशन बढ़ सकता है।
कंपनी 8.7 अरब डॉलर की वैल्यूएशन की उम्मीद कर रही है. यह हॉन्गकॉन्ग की डिलीवरी प्लेटफॉर्म Meituan में जोमैटो की लिस्टिंग से ज्यादा है. जोमैटो अपने IPO के लिए सेबी की मंजूरी का इंतजार कर रही है. जोमैटो ने IPO के जरिए प्राइमरी फंड जुटाने की लिमिट 20 फीसदी बढ़ाकर 1.2 अरब डॉलर कर दी है. कंपनी ऑफर फॉर सेल में इंफोएज अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है. जोमैटो में एंट फाइनेंशियल, इंफो ऐज, सिकोया कैपिटल, उबर जैसे निवेशक शामिल हैं. हाल ही में जोमैटो ने खुद को एक प्राइवेट कंपनी से पब्लिक कंपनी के रूप में बदला था. इसके लिए मेमोरंडम ऑफ एसोसिएशन में बदलाव किया गया था. इसे आईपीओ की दिशा में अगला कदम माना जा रहा था. कंपनी को उम्मीद है कि शहरी आबादी में बढ़ोतरी, कामकाजी परिवारों की बढ़ती संख्या, इंटरनेट और स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच से कंपनी के कारोबार में तरक्की जारी रहेगी.
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