कोरोना की वजह से पिछले तकरीबन 16 महीने से प्रभावित ट्रेन सेवाएं अब धीरे-धीरे कर पटरी पर वापस लौटने लगी हैं. नार्थ सेंट्रल रेलवे ज़ोन के तहत अब तक 86 फीसदी मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन दोबारा शुरू कर दिया गया है. ज़्यादातर ट्रेनें बहाल होने से यात्रियों को अब पहले जैसी सुविधा ही मिलने लगी है. कोरोना काल में ट्रेनों की संख्या कम ज़रूर हुई, लेकिन जो ट्रेनें चल रही हैं, उनमे से ज़्यादातर लेट लतीफी का शिकार नहीं हो रही हैं और अपने निश्चित समय पर पहुंच रही हैं.
नार्थ सेंट्रल रेलवे जोन के जीएम वीके त्रिपाठी के मुताबिक़ मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में उनके ज़ोन में 93 फीसदी से ज़्यादा ट्रेनें निर्धारित समय पर ही अपने गंतव्य तक पहुंची हैं. उनके मुताबिक़ ऐसा पहली बार हुआ है, जब तकरीबन सभी ट्रेनें बिना लेट हुए मुसाफिरों को उनके स्टेशनों तक पहुंचा रही हैं.
नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है- जीएम
जीएम वीके त्रिपाठी ने बताया कि साल की पहली तिमाही में नार्थ सेंट्रल रेलवे ज़ोन ने सामानों की लदान में एक तिहाई की बढ़ोत्तरी करते हुए करीब एक चौथाई ज़्यादा राजस्व हासिल किया है. उनके मुताबिक़ पिछले साल अप्रैल से जून महीने की तिमाही में 3.24 मीट्रिक टन सामानों की लोडिंग हुई थी, जबकि इस बार 4.32 मीट्रिक टन की लदान हुई है. इसी तरह पिछले साल 352 करोड़ रूपये का राजस्व हासिल हुआ था, जो इस बार बढ़कर 437 करोड़ रूपये हो गया है. उन्होंने जानकारी दी कि एनसीआर ज़ोन अगले वित्तीय वर्ष में पूरी तरह विद्युतीकृत हो जाएगा.
वीके त्रिपाठी का कहना है कि रेलवे स्टेशनों से लेकर ट्रेनों में लोगों को कोरोना की महामारी से बचाने और सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क की अनिवार्यता के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. लोगों को जागरूक किया जा रहा है तो साथ ही नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. उनके मुताबिक़ रेल विभाग पीएम नरेंद्र मोदी के जान भी-जहान भी के मूल मंत्र पर काम कर रहा है.
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