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क्या मृत व्यक्ति का इनकम टैक्स भरना जरूरी है, जानिए कब और कैसे मृत व्यक्ति का आईटीआर फाइल करना चाहिए

यह सुनने में अजीब लगता है लेकिन यह सचाई है कि यदि किसी व्यक्ति की मौत हो जाए और उसकी होने वाली आय टैक्स के अंतर्गत आती है तो उसके कानूनी उत्तराधिकारी को  income tax returns (ITR) भरने की जरूरत होगी. मृत व्यक्ति की आय पर इनकम टैक्स रिटर्न भरना पड़ता है. कोरोना ने हजारों को हमसे छीन लिया है. अतः जिन लोगों की मौत हुई है और उनकी आय टैक्स के अंतर्गत आती है तो ऐसे लोगों के कानूनी वारिस का यह फर्ज बनता है कि वह मृत व्यक्ति का इनकम टैक्स रिटर्न दायर करें.

अगर विदेश में संपत्ति है तो भी आईटीआर भरना होगा

यदि मृत व्यक्ति की पूंजीगत लाभ और अन्य chapter IV में दी गई छूट की अधिकतम सीमा से ऊपर है, तो उसके वारिस को इनकम टैक्स फाइल करना अनिवार्य होगा. इसके अलावा भी अगर व्यक्ति की आय इस सीमा के नीचे भी है तो भी कई अन्य कारणों से व्यक्ति के वारिस को इनकम टैक्स भरना होगा.

जैसे अगर मृत व्यक्ति की विदेश में संपत्ति है या मृत व्यक्ति के चालू खाते में वर्तमान अवधि में एक करोड़ से ज्यादा की रकम है, या विदेश यात्रा पर मृत व्यक्ति 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर चुका है या मृत व्यक्ति के नाम पर एक लाख से ज्यादा बिजली का बिल है, ऐसी स्थिति में मृत व्यक्ति के वारिस को इनकम टैक्स भरना होगा.

इस परिस्थिति में इनकमटैक्स की धारा 159 के अनुसार मृत व्यक्ति के वारिस को अंतिम तारीख से पहले जितनी भी देनदारी है, उतना टैक्स भरना होगा. अन्यथा व्यक्ति को इनकम टैक्स कानून के तहत दंड भी दिया जा सकता है.

कानूनी वारिस को इस तरह आईटीआर भरना चाहिए 

सबसे पहले आधिकारिक पोर्टल https://incometaxindiaefiling.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है. इसके बाद खुद को कानूनी वारिस के उत्तराधिकारी के रूप में रजिस्ट्रेशन कराना होता है. इसमें मृत व्यक्ति के पैन नंबर, मृत  व्यक्ति के नाम, मौत की तारीख, बैंक अकाउंट के डिटेल आदि की जरूरत होती है. इसके अलावा डेथ सर्टिफिकेट और मृत व्यक्ति के वारिस का सत्यापित दस्तावेज आदि की भी जरूरत होती है. सभी आवश्यक चीजों को भरकर सबमिट करना होता है. इस तरह मृत व्यक्ति के उत्तराधिकारी का आईटीआर फाइल हो जाता है.

 

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