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रायपुर में मंगलवार को कोरोना के 224 मरीज मिलने से खलबली मच गई, मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज मिले

कोरोना

छत्तीसगढ़ में महाराष्ट्र, केरल, ओडिशा और पं. बंगाल की तरह कोरोना के मामले तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं, लेकिन राजधानी रायपुर में मंगलवार को 24 घंटे में 224 मरीज मिलने से हेल्थ अमले में खलबली मच गई है। रायपुर में तीसरी लहर की शुरुआत यानी लगभग 5 माह बाद दो सौ से ज्यादा कोरोना संक्रमित मिले हैं।

हालांकि प्रदेश में 640 मरीज ही मिले और दुर्ग में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई। इधर, छत्तीसगढ़ में पहली बार भिलाई और रायपुर में मंकीपॉक्स के 2 संदिग्ध मरीज मिले हैं। रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में भर्ती 14 साल का बालक कांकेर के पास का है। उसकी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। भिलाई में संदिग्ध मरीज हाल में ओमान से लौटा है। वह कोविड पॉजीटिव भी निकला है।

अंबेडकर अस्पताल के आईसीयू में अभी 10 पेशेंट हैं। अधिकांश की उम्र 50 साल से ज्यादा है और सांस की दिक्कत आई है। हेल्थ बुलेटिन के अनुसार मंगलवार को राज्य में 12394 लोगों की कोरोना जांच हुई, जिनमें 640 मरीज मिले।

इस तरह संक्रमण दर 5.16 प्रतिशत रही। इसके साथ ही राज्य में सक्रिय मरीजाें की संख्या करीब 4 हजार हो गई है। इनमें से रायपुर में सर्वाधिक सात सौ, दुर्ग में पांच सौ और राजनांदगांव में चार सौ मरीजों का इलाज चल रहा है।

बच्चे के पूरे हाथ में फुंसियां, सैंपल पुणे भेजा

छत्तीसगढ़ में पहली बार मंगलवार को एक मरीज मिला है, जिसमें मंकीपॉक्स के लक्षण हैं। यह बच्चा कांकेर जिले के एक गांव का है। उसे त्वचा रोग के इलाज के लिए अंबेडकर अस्पताल लाया गया था, क्योंकि पूरे हाथ में छोटी-छोटी फुंसियां हैं। मंकीपाॅक्स का एक लक्षण यह भी है, इसलिए डाक्टरों ने बच्चे को आइसोलेट कर दिया है।

उसके सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे गए हैं। यहां के डाक्टरों ने इस बच्चे की ट्रैवल हिस्ट्री जांची है। वह इससे पहले कभी विदेश तो क्या, प्रदेश से बाहर नहीं गया। इसलिए अब यह ट्रेस किया जा रहा है कि वह किन-किन लोगों के नियमित संपर्क में था।

अफसरों का कहना है कि मंकीपॉक्स वायरल बीमारी है और इसका एक बड़ा लक्षण यह है कि इसमें मरीज के पूरे शरीर या कुछ हिस्से में चेचक जैसी फुंसियां निकल आती हैं। इनकी वजह से संक्रमण फैलने की आशंका ज्यादा रहती है।

मंकीपाॅक्स से बचाव के लिए सबसे बड़ी सतर्कता यही बताई गई है कि सोशल डिस्टेंसिंग की जाए या फिजिकल कांटेक्ट से बचा जाए। इस मामले में राज्य नोडल अधिकारी इंट्रीग्रेटेड डिसिज सर्विलेंस प्रोग्राम (आईडीएसपी) डॉ. धमेद्र गहवई का कहना है कि प्रिकॉशन के तौर पर मरीज को आइसोलेशन में रखा गया है। पुणे से सैंपल की जांच रिपोर्ट तीन-चार दिन में आएगी, लेकिन तब तक पूरी एहतियात बरती जाएगी।

तेज बुखार और फुंसियां

मंकीपॉक्स का प्रमुख लक्षण तेज बुखार, मांसपेशी में दर्द, त्वचा पर चकत्ते, थकावट, गले में खराश, खांसी होती है। किसी भी उम्र वालों को बीमारी हो सकती है।

बचाव भी कोरोना जैसा

पीपीई किट और मास्क पहने बिना संक्रमित के पास न जाएं, यानी डिस्टेंसिंग जरूरी है। हाथ साफ रखें। बार-बार आंख-नाक, कान, चेहरे को न छुएं।

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