दुर्ग स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण पर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा का पूरा शीर्ष नेतृत्व कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भूपेश सरकारी कोष से अपने दामाद का कॉलेज खरीद रहे हैं। जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, ‘सरकार ऐसा छात्रों का भविष्य बचाने के लिए कर रही है। जनहित का सवाल होगा तो सरकार कॉलेज भी खरीदेगी और नगरनार संयंत्र भी।’
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को ट्वीट किया कि भूपेश बघेल अपने दामाद का निजी महाविद्यालय बचाने के लिए उसे सरकारी कोष से खरीदने की कोशिश में हैं। प्रदेश की राशि का उपयोग अपने दामाद के लिए, वो भी एक ऐसा मेडिकल कॉलेज जिस पर धोखाधड़ी के आरोप मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा लगाए गए थे। कौन बिकाऊ है और कौन टिकाऊ, इसकी परिभाषा अब साफ है!
पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय प्रवक्ता ने भी साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने लिखा, यह मामला गंभीर है। भूपेश बघेल अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के लिए विधेयक ला रहे हैं। 2017 में जिस कॉलेज की मान्यता खत्म हो गई। उसे 125 करोड़ सरकारी खजाने से लेकर मुख्यमंत्री के परिवार को देने की तैयारी चल रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा और राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय ने भी ऐसे ही पोस्ट किए। इस मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के लिए सरकार इसी सत्र में विधेयक लाने जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फरवरी 2021 में चंदूलाल चंद्राकर की जयंती कार्यक्रम में कॉलेज के अधिग्रहण की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री बोले, हम उनकी तरह जनता की संपत्ति नहीं बेच रहे
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया के जरिए ही इन आरोपों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा- चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज पर जैसे कयास लगाए जा रहे हैं, वे सब निराधार हैं। यह प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज और सैकड़ों छात्रों के भविष्य को बचाने का प्रयास है। इससे एक नया मेडिकल कॉलेज बनाने का समय बचेगा व हर साल प्रदेश को डेढ़ सौ डॉक्टर मिलेंगे। जहां तक रिश्तेदारी और निहित स्वार्थ का सवाल है तो मैं अपने प्रदेश की जनता को यह बताना चाहता हूं कि भूपेश बघेल उसके प्रति उत्तरदायी है और उसने हमेशा पारदर्शिता के साथ राजनीति की है, सरकार में भी हमेशा पारदर्शिता ही होगी। सौदा होगा तो सब कुछ साफ हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने लिखा, अगर जनहित का सवाल होगा तो सरकार निजी मेडिकल कॉलेज भी खरीदेगी और नगरनार का संयंत्र भी। हम सार्वजनिक क्षेत्र के पक्षधर लोग हैं और रहेंगे। हम उनकी तरह जनता की संपत्ति बेच नहीं रहे हैं।
चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में खुद राज्यपाल सक्रिय हैं
भिलाई के चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज की मान्यता 2018 में ही रद्द हो चुकी है। इसकी वजह से इसमें 2017 बैच में दाखिला लिए हुए विद्यार्थियों के सामने संकट खड़ा हो गया है। कॉलेज प्रबंधन पर 143 करोड़ रुपए की देनदारी का भी विवाद है। इसकी वजह से इंडियन बैंक ने इसकी संपत्ति को सीज कर दिया था। फरवरी 2021 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके अधिग्रहण की घोषणा की थी। बजट में भी उसका प्रावधान हुआ, लेकिन यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। यहां के छात्र अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं। उन्होंने कई बार राज्यपाल अनुसूईया उइके से मुलाकात की। राज्यपाल कई बार मुख्यमंत्री से इस समस्या के समाधान को बोल चुकी हैं। अभी 13 जुलाई को मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच इस पर चर्चा हुई है।
भूपेश बघेल से हिसाब चुकता कर रहे थे सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया इस सोशल मीडिया पोस्ट के सहारे भूपेश बघेल से एक बयान का हिसाब चुकता कर रहे थे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नागपुर में एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा था, एयर इंडिया बिकने जा रहा है और महाराजा को उसकी जिम्मेदारी दी गई है। एक बिकाऊ दूसरे को बेचेगा। आज की पोस्ट में सिंधिया ने लिखा है, कौन बिकाऊ है और कौन टिकाऊ, इसकी परिभाषा अब साफ है!
मंत्री बोले, आधी लागत में ही मिल जाएगा मेडिकल कॉलेज
संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा, सरकार ने छत्तीसगढ़ की पूरी जनता और छात्रों के हित में तथा चन्दूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय दुर्ग के अधिग्रहण का निर्णय लिया है। आमतौर पर किसी चिकित्सा महाविद्यालय की अधोसंरचना तैयार करने में ही करीब 500 करोड़ रुपए और काफी समय लग जाता है। मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त 150 सीट वाले चंदूलाल चंद्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय दुर्ग के अधिग्रहण से केवल आधी लागत में ही एक और शासकीय मेडिकल कॉलेज का लाभ तत्काल मिल सकेगा।
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