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मंत्री सिंहदेव पर आरोप लगाने वाले विधायक बृहस्पत को कारण बताओ नोटिस

कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर लगाए आरोपों से छिड़ा विवाद गहराता जा रहा है। एक तरफ छग कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने बृहस्पत सिंह को शोकॉज नोटिस जारी कर दिया है। वहीं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को चुनिंदा मंत्रियों के साथ बैठक की। इसमें टीएस सिंहदेव शामिल नहीं हुए। देर शाम बैडमिंटन खेलने राजकुमार कॉलेज पहुंच गए थे। लेकिन बृहस्पत समेत कई विधायक इसमें मौजूद थे। हालांकि, बैठक के बाद कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। माना जा रहा है कि कल विधानसभा में मुख्यमंत्री इस मामले में खुद बोल सकते हैं।

इससे पहले विधानसभा से लौटने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पार्टी नेतृत्व को घटनाक्रम की जानकारी दी थी। वहां से इस विवाद को जल्द से जल्द सुलझाने को कहा गया था। उसके बाद मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों की आपात बैठक बुलाई थी। इसमें गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे, राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल, आबकारी मंत्री कवासी लखमा, आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंडिया आदि शामिल हुए।

विधायक बृहस्पत सिंह को शोकॉज नोटिस

छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा, टीएस सिंहदेव सदन से बाहर चले गए। हम उनकी भावनाओं को समझते हैं। गंभीर आरोप उनके ऊपर लगाए गए हैं। उन सबको ध्यान रखते हुए विधायक बृहस्पत सिंह के खिलाफ शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। कल समस्या का समाधान हो जाएगा।

अपनों के विवाद से असमंजस में पार्टी

कांग्रेस के दोनों नेताओं के बीच खड़े हो गए इस विवाद से पार्टी असमंजस में है। बृहस्पत सिंह के आरोप न निगलते बन रहे हैं और न उगलते बन रहे हैं। पार्टी, अगर बृहस्पत सिंह के आरोपों को मानती है तो उसे टीएस सिंहदेव पर कार्रवाई करनी होगी। अगर नहीं मानती है तो बृहस्पत सिंह पर कार्रवाई करने का दबाव बढ़ जाएगा। इन दोनों स्थितियों में पार्टी की स्थिति कमजोर होगी।

मंगलवार को विधानसभा में  शून्यकाल के दौरान गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू इस मामले में वक्तव्य देने खड़े हुए। उन्होंने एफआईआर  की कॉपी पढ़कर सुना दिया। इस पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का सब्र जवाब दे गया। उन्होंने कहा- बहुत हुआ, जब तक सरकार उन पर लगे आरोपों के बारे में जवाब नहीं देती वे सदन में नहीं आएंगे। यह कहने के बाद से विधानसभा के बाहर निकल गए।
घर पहुंचते ही उनके पास कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया का फोन आया। उन्होंने सिंहदेव को चर्चा के लिए विधानसभा वापस बुला लिया। विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री के कक्ष में मंत्रियों के बीच काफी देर तक मंथन चला। उसके बाद सिंहदेव और संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे वहां से घर चले गए। सिंहदेव ने कहा, वे अपनी बात पर कायम हैं।

भाजपा ने शोकॉज नोटिस पर उठाए सवाल

दूसरी ओर भाजपा मीडिया प्रभारी नलिनीश ठोकने ने कांग्रेस में चल रहे विवाद पर सिर्फ बृहस्पत सिंह को नोटिस जारी करने पर सवाल खड़ा किया है। ठोकने ने कहा कि बृहस्पत सिंह के साथ जो 18 विधायक शामिल थे, उनसे भी जवाब मांगा जाए। कांग्रेस को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि बृहस्पत के साथ जो सरगुजा, बस्तर से लेकर रायपुर जिले के विधायक शामिल थे, वे किसके कहने पर गए थे। ठोकने ने कहा कि घटनाक्रम से यही लगता है शिकारी अपने ही बुने जाल में बुरी तरह फंस गया है।

पूर्व विधायक बोले- यहां आत्म स्वाभिमान से समझौता नहीं

वहीं दूसरी ओर पूर्व विधायक और भाजपा नेता देव जी भाई पटेल ने ट्वीट करते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को भाजपा में आने का न्यौता दे डाला। उन्होंने लिखा कि माननीय सिंहदेव जी आत्म स्वाभिमान से बढ़कर एक मनुष्य के लिए कुछ नहीं,राजपरिवार से आने वाले आप मुझसे बेहतर समझते हैं इसे। आपका हमारे मातृ संगठन भाजपा में स्वागत है। पद-कुर्सी की गारंटी तो नहीं पर प्रतिष्ठा और आत्म स्वाभिमान से समझौता नही होता यहां।

क्या है यह पूरा विवाद

रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह के काफिले की एक गाड़ी पर शनिवार रात को सरगुजा में पत्थर फेंके गए थे। गाड़ी के ड्राइवर और गार्ड से बदसलूकी हुई। आरोप है कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के एक रिश्तेदार ने उनकी गाड़ी ओवरटेक करने के विवाद में ऐसा किया। पुलिस ने तीन घंटें के भीतर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। शाम को रायपुर पहुंचे विधायक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगा दिया कि टीएस सिंहदेव ने उन पर यह हमला कराया है। इसके बाद से प्रदेश की राजनीति अचानक से गर्म हो गई।

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