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गणेश पंडाल में 20 से ज्यादा लोग नहीं होंगे

कोरोना संक्रमण के चलते इस बार भी नियमों और बंदिशों के साथ ही गणेश उत्सव मनाने की अनुमति दी गई है। 10 सितंबर से शुरू हो रहे 10 दिवसीय उत्सव के लिए बुधवार को रायपुर जिला प्रशासन ने गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें 26 प्वाइंट हैं। उत्सव के दौरान 4 फीट से ऊंची मूर्ति, 15 फीट से बड़ा पंडाल बनाने पर रोक है। वहीं, पंडाल में एक बार में 20 से ज्यादा लोग नहीं होंगे। दर्शन के लिए आया व्यक्ति अगर संक्रमित मिलता है तो उसके इलाज में खर्च की जिम्मेदारी आयोजक की होगी।

घर पर मूर्ति स्थापना के लिए नगर निगम से लेनी होगी लिखित अनुमति

कंटेनमेंट जोन में प्रतिमा स्थापित करने की मनाही होगी। क्षेत्र बाद में भी कंटेनमेंट घोषित कर दिया जाता है तो पूजा तत्काल समाप्त करनी होगी। दर्शन के लिए कोई भी व्यक्ति बिना मास्क लगाए नहीं जाएगा। इन शर्तों के साथ घर में मूर्ति स्थापित करने के लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं होगी। अगर घर के बाहर मूर्ति स्थापित करनी है तो कम से कम 7 दिन पहले नगर निगम के जोन कार्यालय में लिखित आवेदन कर अनुमति लेनी होगी।

मूर्ति स्थापना से लेकर विसर्जन तक के लिए नियम

जिला प्रशासन की तरफ से इस बार झांकी की भी अनुमति नहीं दी गई है।

मूर्ति का साइज 4 फीट और पंडाल का 15 फीट से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

पंडाल में कुर्सियां नहीं लगेंगी, साथ ही 20 से ज्यादा लोग एक बार में वहां मौजूद नहीं होंगे। मूर्ति दर्शन के लिए आने वाले लोगों का भी नाम पता और मोबाइल नंबर लिखना होगा। जिससे संक्रमित मिलने पर उसका कांटेक्ट मिल सके।

पंडाल में सीसीटीवी लगाना होगा। बिना मास्क के मूर्ति दर्शन की अनुमति नहीं होगी। आने व जाने वालों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी।

सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंडवॉश, क्यू मैनेजमेंट की व्यवस्था करनी होगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार मिलने पर पंडाल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। अगर पंडाल में दर्शन के लिए आया व्यक्ति अगर संक्रमित होता है तो आयोजकों को पूरा खर्च उठाना होगा।इस बार पूजा के दौरान जगराता, भंडारा आदि कार्यक्रमों की इजाजत नहीं होगी। पूजा के दौरान प्रसाद व चरणामृत सहित किसी भी चीज को बांटने की मनाही होगी।

विसर्जन यात्रा; लाउडस्पीकर और चार से अधिक लोगों को अनुमति नहीं

मूर्ति विसर्जन के लिए भी प्रशासन ने शर्तें लगाई हैं। इसके मुताबिक विसर्जन में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं होगा। एक छोटी गाड़ी का इस्तेमाल करना होगा। चार से अधिक लोग नहीं जाएंगे। मंडप से विसर्जन स्थल तक वाहन को कहीं रुकने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले विसर्जन नहीं होगा। रास्ते में कहीं भंडारा, भोज नहीं होगा। विसर्जन यात्रा प्रशासन के निर्धारित रास्ते से ही जाएगी।

 

 

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