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विश्व आदिवासी दिवस पर जिलों में होंगे कार्यक्रम, कलेक्टरों को निर्देश जारी

० ’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ की दूसरी किश्त होगी जारी
० अनुसूचित क्षेत्र की 5633 पंचायतों को मिलेंगे 2.81 करोड़ रूपए

रायपुर।प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 9 अगस्त को सभी जिला मुख्यालयों में विश्व आदिवासी दिवस का कार्यक्रम गरिमापूर्वक आयोजित किया जाएगा। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों की 5 हजार 633 पंचायतों को ‘मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ के तहत द्वितीय किश्त 2 करोड़ 81 लाख 65 हजार रूपए की राशि उनके बैंक खातों में अंतरित करेंगे। प्रत्येक पंचायत को 5 हजार रूपए की मान से द्वितीय किश्त दी जाएगी। पंचायतों को ‘मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ योजना के तहत प्रतिवर्ष दी जाने वाली 10 हजार रूपए की आर्थिक सहायता का उद्देश्य आदिवासी तीज-त्यौहारों का गांव में गरिमामय आयोजन सुनिश्चित करना है।

जारी निर्देश में कहा गया है कि जिला मुख्यालयों में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सभी स्थानीय जनप्रतिनिधियों, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि को भी आमंत्रित किया जाय। विशेषकर अनुसूचित क्षेत्र के पंच-सरपंचों को आमंत्रित करें। कार्यक्रम में वन अधिकार पत्र, सामुदायिक वन अधिकार पत्र और वन संसाधन अधिकार पत्र का वितरण किया जाएगा। व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र धारियों को ऋण पुस्तिका प्रदान की जाएगी। वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत लक्ष्य अनुरूप चिन्हांकित ग्रामों को आदर्श ग्राम के रूप में घोषित किए जाने की कार्यवाही की जाएगी।

जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम के स्वीकृत हितग्राहियों को ऋण वितरित किया जाए। कृषि एवं बागवानी विभाग द्वारा स्वीकृत कृषि आदान, बीज, उपकरण भी प्रदान किए जाएं। जिन जिलों में मनरेगा के तहत भूमि समतलीकरण, तालाब गहरीकरण, डबरी निर्माण आदि का कार्य किया जाना है, उनके लिए स्वीकृति आदेश जारी किया जाए।

वन विभाग द्वारा हितग्राही मूलक कार्यक्रम है तो उनका भी वितरण किया जाए। जिले में अनुसूचित जनजाति के हितार्थ उत्कृष्ट कार्य करने वाले संस्था अथवा व्यक्ति विशेष को सम्मानित, पुरस्कृत किया जाए। सम्मान स्वरूप प्रमाण पत्र भी स्थानीय स्तर पर प्रदान किया जा सकता है।

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