महादेव के निराकार रूप शिवलिंग का पूजन सावन मास में बेहद महत्वपूर्ण होता है. कहा जाता है कि शिवलिंग अपार ऊर्जा के भंडार होते हैं. कुछ लोग शिवलिंग की पूजा घर में ही करते हैं. परंतु घर में शिवलिंग की पूजा के कुछ नियम होते हैं. जिन्हें जानलेना बहुत जरूरी होता है. इन नियमों का पालन करते हुए शिवलिंग की पूजा से ही पूरा फल मिलता है. आइये जानें ये नियम:-
घर में शिवलिंग पूजा के नियम
घर में पूजा के लिए बहुत बड़े आकार का शिवलिंग नहीं रखना चाहिए. इसके लिए 4-5 इंच से बड़ा शिवलिंग रखना अच्छा नहीं माना जाता. यदि आप बड़ा शिवलिंग रखना चाहते हैं, तो उस शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा करनी होगी. शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मंदिर का होना बहुत जरूरी होता है. बड़े शिवलिंग की पूजा के लिए घर में एक मंदिर बनवाकर उसे स्थापित कर उसकी प्राण प्रतिष्ठा करवाएं. तत्पश्चात बड़े आकार के शिवलिंग की पूजा करें तथा शिवलिंग की पूजा से जुड़े सभी नियमों का पालन करें.
इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि शिवलिंग को ऊर्जा शक्ति का भंडार माना जाता है. इसके आसपास के क्षेत्रों में रेडियो एक्टिव तत्व पाए जाते हैं. इस ऊर्जा को शांति रखने के लिए इस पर हमेशा जल चढ़ाया जाता है. बेलपत्र, आक का फूल और धतूरा आदि इस एनर्जी को सोखने का काम करते हैं. घर में बड़े आकार के शिवलिंग को रखने से इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है.
घर में पार्थिव शिवलिंग, धातु या स्फटिक और पारद शिवलिंग रखन और उसकी पूजा करना उत्तम माना जाता है. इसमें पारद शिवलिंग सर्वोत्तम होता है. कहा जाता है कि पारद शिवलिंग की प्रतिदिन विधि विधान पूर्वक पूजा करने से घर की बीमारियां समाप्त होती हैं और परिवार पर आए संकट दूर हो जाते हैं.
शिव पुराण के अनुसार, शिवलिंग की पूजा सुबह के समय और दोपहर से पहले कर लेनी चाहिए. तभी ये पूजा विशेष रूप से फलदायी होती है. घर में जिस जगह पर शिवलिंग हों, उनके पास भगवान शिव का पूरा परिवार माता गौरी, गणपति और कार्तिकेय जी को रखें.
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