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जेईई मुख्य परीक्षा की टाई-ब्रेकिंग पॉलिसी में हुआ बदलाव, नंबर वन पर पोजीशन पर रहेगा केवल एक स्टूडेंट

देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई-मुख्य परीक्षा के दोनों सेशन के आधार पर आल इंडिया रैंक व सेशन-2 का एनटीए स्कोर 6 अगस्त यानी आज जारी हो सकता है। इसके साथ ही जेईई-एडवांस्ड की पात्रता भी जारी कर दी जाएगी। इस साल रिजल्ट में आल इंडिया रैंक पर एक ही स्टूडेंट रहेगा। पिछले साल के परिणाम को देखते हुए जब ऑल इंडिया रैंक वन पर 18 स्टूडेंट थे, एनटीए ने टाई-ब्रेकिंग पॉलिसी में बदलाव किया है। एनटीए ने अब ऐसे नियम बनाए हैं जिनके आधार पर नंबर वन पोजीशन पर एक ही स्टूडेंट आएगा।

जून में हुई परीक्षा में कुछ स्टूडेंट्स के 300 में से 300 अंक

कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि जेईई-मेन जून अटेम्प्ट में कुछ छात्र ऐसे भी हैं जिनके 300 में से 300 अंक के परफेक्ट स्कोर आ रहे हैं। ऐसे ही जुलाई सेशन में भी कुछ विद्यार्थी ऐसे हो सकते हैं, जिनके 300 में से 300 अंक हों। इन विद्यार्थियों की आल इंडिया रैंक निकालने के लिए सबसे अंतिम मापदण्ड के रूप में उम्र और जेईई-मेन आवेदन क्रमांक का सहारा लिया जाएगा।

ऐसे तय होगी रैंक 

जिन स्टूडेंट्स के 300 अंक आने के साथ-साथ 100 पर्सेन्टाइल भी हैं, उनकी शीर्ष ऑल इंडिया रैंक उम्र और जेईई-मेन आवेदन क्रमांक के आधार पर जारी की जाएगी। ऐसे में यह संभावना बिल्कुल कम हो जाती है कि दो छात्रों की आयु के साथ आवेदन क्रमांक भी समान हो।

ये हैं नए नियम

इस साल पहली बार विद्यार्थियों के हायर एनटीए स्कोर में टाई लगने पर रैंक के निर्धारण के लिए 9 मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं। इसमें अगर दो विद्यार्थियों के टोटल एनटीए स्कोर समान आते हैं तो ऑल इंडिया रैंक निर्धारण में सबसे पहले मैथेमेटिक्स का एनटीए स्कोर देखा जाएगा। यह समान होने पर फिजिक्स, इसके बाद कैमेस्ट्री का एनटीए स्कोर, फिर सही और गलत उत्तरों की संख्या का अनुपात देखा जाएगा।

 

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