नई दिल्ली(एजेंसी): आरबीआई हाउसिंग सेक्टर में कैश फ्लो बढ़ाने के लिए नेशनल हाउसिंग बैंक को 5000 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है . इससे रियल एस्टेट सेक्टर में मांग पैदा हो सकती है और हाउसिंग सेक्टर की कंपनियों की नकदी की दिक्कत कम हो सकती है. रियल एस्टेट सेक्टर में मांग बढ़ने से रोजगार को भी बढ़ाने में मदद मिलेगी. अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिए रोजगार में इजाफा जरूरी है. सरकार लगातार रोजगार बढ़ाने की कोशिश में लगी है. रियल एस्टेट सेक्टर में काफी बड़ी तादाद में लोग काम करते हैं. प्रवासी मजदूरों का एक बड़ी तादाद मकान के कंस्ट्रक्शन और इससे जुड़े सेक्टर में काम करते हैं.
रियल एस्टेट सेक्टर ने किया पैकेज का स्वागत
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को रियल एस्टेट सेक्टर को रफ्तार देने के लिए नोडल बैंक नेशनल हाउसिंग बैंक को 5000 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया. इसके अलावा नाबार्ड को भी 5000 करोड़ रुपये दिए जाएगे ताकि नकदी का संकट झेल रही गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और माइक्रो फाइनेंस संस्थानों के लिए क्रेडिट फ्लो सुनिश्चित हो.रियल एस्टेट से जुड़े एक्सपर्ट्स ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. उनका कहना है कि आरबीई ने फंड फ्लो बढ़ाने औैर लोन चुकाने का और वक्त दिया तो इस सेक्टर में मांग बढ़ सकती है और इसकी पुरानी रौनक लौट सकती है. हालांकि कंपनियों का कहना कि उन्हें आरबीआई की ओर से लोन री-स्ट्रक्चिरंग से ज्यादा उम्मीद है.
रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की बिक्री में भारी गिरावट
रियल एस्टेट सेक्टर पहले ही मांग की भारी कमी से जूझ रहा था. लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान इसकी हालत बेहद खराब हो गई है. रियल एस्टेट ब्रोकरेज फर्म PropTiger के एक सर्वे के मुताबिक अप्रैल-जून अवधि में आठ बड़े शहरों में घरों की बिक्री 79 फीसदी गिरकर 19,038 यूनिट्स पर पहुंच गई है. इसमें कहा गया है कि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की बिक्री इस साल जनवरी से जून अवधि के दौरान आठ बड़े शहरों में 52 फीसदी गिरकर 88,593 यूनिट्स हो गई है.दिल्ली-एनसीआर में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में 81 फीसदी की गिरावट आई है. रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की बिक्री में सबसे ज्यादा गिरावट हैदराबाद में आई.